बेटा पढ़ाओ - संस्कार सिखाओ अभियान की ओर से मदर्स डे के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
उल्फत ए यार हर गम को टाल देता है
सुकू दिल को तुम्हारा जमाल देता है
ये तो मेरी माँ की दुआओं का फैज है मुझ पर
कि डूबता हु तो समंदर भी उछाल देता है।
गरीब हु साहब किसी जरदार से नही मिलता
जमीर बेच कर किसी मक्कार से नही मिलता
अगर हो सकें तो इसे संभाल कर रखना यारों
ये माँ - बाबूजी का प्यार है कही बाजार में नही मिलता।।
कवि लेखक - जर्नलिस्ट - युवा पत्रकार संघ अध्यक्ष एवं आयोजनकर्ता बेटा पढ़ाओ - संस्कार सिखाओ अभियान - हरीश शर्मा
No comments:
Post a Comment