कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

अपनी हर साँस के साथ माँ अपनी बच्चों की सलामती व खुशहाली की दुआएं माँगती है maa hamesha bachchon ki salamati ki duaa karati h

*बेटा पढ़ाओ - संस्कार सिखाओ अभियान*

*माँ के ममत्व पर बोले कवि हरीश शर्मा*

*माँ हमेशा अपनी संतानों के लिए बेहतर और भला ही सोचती है और हर वक्त बस इसी चिंता में डूबी रहती है कि मेरा बच्चा कहाँ और कैसा होगा किस हाल मे होगा - कवि हरीश शर्मा*

अपनी हर साँस के साथ माँ अपनी बच्चों की सलामती व खुशहाली की दुआएं माँगती है।

उसकी पूजा-पाठ, आराधना, व्रत-उपवास, आशीर्वाद हर चीज में बस दुआएँ शामिल होती हैं


मदर्स डे के पावन पर्व पर बेटा पढ़ाओ - संस्कार सिखाओ अभियान के आयोजनकर्ता कवि लेखक हरीश शर्मा ने कहा कि :-
उल्फत ए यार हर गम को टाल देता है
सुकू दिल को तुम्हारा जमाल देता है
ये तो मेरी माँ की दुआओं का फैज है मुझ पर
कि डूबता हु तो समंदर भी उछाल देता है।
गरीब हु साहब किसी जरदार से नही मिलता
जमीर बेच कर किसी मक्कार से नही मिलता
अगर हो सकें तो इसे संभाल कर रखना यारों
ये माँ - बाबूजी का प्यार है कही बाजार में नही मिलता।
 जैसा कि हम सभी जानते है कि बच्चों के दिल में माँ के लिये सबसे खास जगह होती है। और क्यों नहीं होगी, वह इसके काबिल भी है। एक माँ हर पल हर चीज के लिये अपने बच्चे का ध्यान रखती है। मातृ-दिवस हर बच्चे और विद्यार्थी के लिये वर्ष का अत्यधिक यादगार और खुशी का दिन होता है। मदर्स डे साल का खास दिन होता है जो भारत की सभी माताओं के लिये समर्पित होता है। मातृ-दिवस हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।
एक माँ हर एक की सबसे अच्छी दोस्त होती है क्योंकि वह हर एक चीज का ध्यान रखती है जिसकी हमें जरुरत होती है। इसलिये, उन्हें धन्यवाद और आदर देने के लिये वर्ष का एक दिन समर्पित किया गया है जिसे हर साल हम सभी मातृ-दिवस के रुप में मनाते है। हमलोग बिना अपनी माँ के प्यार और देख-भाल के नहीं रह सकते हैं। वह हमारा बहुत ध्यान रखती है, वह बहुत खुश हो जाती है जब हमलोग हँसते है तथा वह बहुत दुखी हो जाती है जब हमलोग रोते है। इस दुनिया में माँ एकमात्र ऐसी इंसान होती है जो हमें कभी अकेला नहीं छोड़ती। माँ अपने बच्चों के लिये पूरी निष्ठावान होती है। इस दिन को मनाने के लिये घर पर हर कोई एक साथ होता है,परिवार के सभी सदस्य माँ को उपहार देते है तथा ढ़ेर सारी बधाईयाँ देते है। हमारे लिये माँ हर वक्त हर जगह मौजूद रहती है। हमारे जन्म लेने से उनके अंतिम पल तक वो हमारा किसी छोटे बच्चे की तरह ख्याल रखती है। हम अपने जीवन में उनके योगदानों की गणना नहीं कर सकते है। यहाँ तक कि हम उनके सुबह से रात तक की क्रिया-कलापों की गिनती भी नहीं कर सकते। माँ के पास ढ़ेर सारी जिम्मेदारियाँ होती हैं वो उसको लगातार बिना रुके और थके निभाती है। वो एकमात्र ऐसी इंसान है जिनका काम बिना किसी तय समय और कार्य के तथा असीमित होती है। हम उनके योगदान के बदले उन्हें कुछ भी वापस नहीं कर सकते हालाँकि हम उन्हें एक बड़ा सा धन्यवाद कह सकते है साथ ही उन्हें सम्मान देने के साथ ध्यान भी रख सकते है। हमें अपनी माँ को प्यार और सम्मान देना चाहिये तथा उनकी हर बात को मानना चाहिये।
 माँ,अम्मी,मम्मी ऐसे ही कितने नामो से हम अपनी माँ को पुकारते है..जब हम इस दुनिया में आए और हमने पहली बार बोलना सिखा तो वो पहला शब्द था माँ…माँ हमारे जीवन का एक ऐसा वरदान है जो हमें जन्म के साथ मिला है…माँ के लिए जितना भी कहूँ वो कम है…माँ औरत का एक ऐसा किरदार है, जिसमें संपूर्णता,पवित्रता,त्याग,ममता, प्यार सब कुछ निहित होता है।शायद ही दुनिया का कोई अन्य रिश्ता ऐसा हो, जिसमें इतनी सारी खूबियाँ एक साथ होती हों।
माँ हमेशा अपनी संतानों के लिए बेहतर और भला ही सोचती है और हर वक्त बस इसी चिंता में डूबी रहती है कि मेरा बच्चा कहाँ और कैसा होगा किस हाल में होगा। खाना खाया होगा या नहीं…उसकी चिंता अपने बच्चो की चिंता में ही चले जाता है…
हम भले ही कितने ही समझदार गंभीर व् उम्र में बड़े हो जाएँ लेकिन माँ की चिंता हमारे लिए तब भी वैसी ही रहती है, जैसी कि बचपन में होती थी। अपनी हर साँस के साथ माँ अपनी बच्चों की सलामती व खुशहाली की दुआएं माँगती है। उसकी पूजा-पाठ,आराधना, व्रत-उपवास,आशीर्वाद हर चीज में बस दुआएँ शामिल होती हैं अपने परिवार की….माँ की ममता का कोई मूल्य नहीं है। मैं आपको बता दूँ की जिन लोगों की माँ होती है वे बहुत ही भाग्यशाली होते हैं उनकी किस्मत कभी भी उनका साथ नहीं छोडती है और दुनिया की सबसे कीमती चीज माँ पिता का आशीर्वाद होता है.जिसके पास ये है वे सबसे धनी और सौभाग्यशाली व्यक्ति है।

कवि हरीश शर्मा

राजस्थान

No comments:

Post a Comment