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अंतरराष्ट्रीय 27वां ऊंट महोत्सव-2020, 9जनवरी से प्रारंभ.... Antarashtriy Uant mahotsav 9January se prarambh

अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव : भारतीय रंग-बिरंगी संस्कृति का प्रतीक

Antarashtriy Uant mahotsav or bhartiya rang birngi snskriti

    अंतरराष्ट्रीय 27वां ऊंट महोत्सव-2020, 9जनवरी से प्रारंभ



भारतीय संस्कृति देश के विभिन्न जगह पर बहुत रंग-बिरंगी हैं। समय-समय होने वाले मेले त्योहार और विशेष उत्सव यहां की संस्कृति का मन मोहक परिचय कराती हैं। बात करें राजस्थान के बीकानेर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव की जिसकी छटा सबसे निराली व बहुत ही मन मोहक रहती हैं। बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक हर्षोल्लास के साथ भाग लेते हैं। बीकानेर में राजस्थान सरकार, पर्यटन, कला और संस्कृति विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव दो दिवसीय समारोह का आयोजन राजकीय डाॅ. करणी सिंह स्टेडियम में किया जाता हैं। जिसमे भारत की रंगीन  संस्कृति का साकार रूप देखने को मिलता हैं। देश के विभिन्न राज्यों से आए लोक कलाकार गायन नृत्य, भंगड़ा, गेर, घूमर  आदि लोकनृत्यों और मशक, भपंग, बीन, अलगोजा एवं खड़ताल जैसे लोक वाद्यों की सुमधुर स्वर लहरियों से आयोजन में चार चांद लगा देते हैं। यह आयोजन राजस्थान के जहाज ऊंट पर केन्द्रित हैं। ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है और ऊंट भी राजस्थान के लोगों के बीच एक प्रिय जानवर हैं। राजस्थान के कई जिलों में ऊंट उत्सव मनाया जाता हैं। राजस्थान के लोग न केवल उन्हें खरीदते हैं बल्कि उन्हें बेचते हैं बल्कि यहाँ के लोगो की दिनचर्या का हिस्सा भी हैं । ऊंट मोहत्सव एवम मेले राजस्थान के कई क्षेत्रों में मनाये जाते है। इन्हे देखने के लिए पूरी दुनिया से पर्यटक आते है। बीकानेर ऊंट महोत्सव राजस्थान सरकार के पर्यटन, कला और संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित एक समारोह है। यह हर साल जनवरी के महीने में होता है। इस त्योहार पर “ऊंट” द्रव्यमान में देखा जाता हैं। बीकानेर ऊंट महोत्सव राज्य के सबसे रंगीन और जीवंत त्योहारों में से एक है, जनवरी के महीने में मनाया जाता है। ऊंटों के प्रति समर्पित ऊंट त्योहार सजाया हुआ ऊंटों की एक अद्भुत परेड के साथ शुरू होता है। स्थानीय लोगों द्वारा आयोजित ऊंटों की दौड़ होती है और इसे एक कठिन प्रतियोगिता के रूप में लिया जाता है और ऊंट को इसके अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता हैं।
बहुत सुन्दर मनमोहक ताजा फूलों से सजे ऊंट दर्शकों को आकर्षित करती हैं। इसके अलावा, इस अद्भुत दो दिन के त्यौहारों में ऊंट दौड़, फर काटने वाले डिजाइन, सर्वश्रेष्ठ नस्ल प्रतियोगिता, ऊंट बैंड, ऊंट कलाबाजी और बहुत कुछ जैसे विभिन्न आकर्षक गतिविधियां शामिल हैं। ऊंट दौड़ और ऊंट नृत्य जैसे उल्लेखनीय ऊंट गतिविधियों की दृष्टि से दर्शकों को आकर्षित किया जाता हैं। यह महोत्सव देशी-विदेशी पर्यटकों में बहुत लोकप्रिय हैं। हर कोई अपने आपको इस प्रभावशाली त्योहार में शामिल होना चाहता हैं। कैमेल नृत्य प्रदर्शन भी होते हैं। इस मेले में ऊंट की सजावट , फर काटने वाले डिजाइन, ऊंट दुग्ध और सर्वश्रेष्ठ ऊंट के बाल के लिए प्रतियोगिताएं होती हैं। ऊंट शानदार फुटवर्क दिखाते हैं और उनके चालकों की दिशा में शानदार ढंग से नृत्य करते हैं।

● राजस्थान में अन्य ऊंट त्योहार - 

पुष्कर कैमल फेयर के रूप में जाना जाने वाला एक और प्रसिद्ध ऊंट त्योहार है। यह दुनिया के सबसे प्रसिद्ध ऊंट त्योहारों में से एक है। दुनिया भर से पर्यटक इस त्योहार में भाग लेते हैं। आम तौर पर इसे अक्टूबर और नवंबर के बीच मनाया जाता है।

● नागौर महोत्सव -

 हर वर्ष जनवरी-फरवरी के बीच नागौर के विलुप्त राजपूत शहर में आयोजित किया जाता है। नागौर त्यौहार मूल रूप से एक मवेशी मेला है और हर साल 75,000 ऊंट, बैल और घोड़ों का व्यापार होता है। वास्तव में व्यापार का विशाल मात्रा पहली बार आगंतुकों को आश्चर्यचकित करने के लिए। त्योहारों में जोश और उत्साह डालने के लिए यहाँ कई प्रतियोगिता कराई जाती है जैसे टॉग-ऑफ-युद्ध, ऊंट और बैल दौड़ और कॉकफ़ाइट जैसी मजेदार घटनाओं के साथ-साथ जोधपुर के लोक संगीत के साथ-साथ पूरे त्योहार में एक अति आकर्षक आकर्षण भी शामिल है।

● कठिन मरूस्थलीय परिस्थितियों में रहने-बसने वाले जानवर ऊंट को समर्पित है यह महोत्सव :- 

बीकानेर में होने वाला यह अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव दो दिवसीय समारोह होता हैं। जिसमें 10 प्रतियोगिताओं, 2 बैंड प्रदर्शन और 2 सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं। यहां होने वाली ऊंट दौड़ और अन्य सांस्कृतिक प्रदर्शनों का आनंद लेने के लिए दूर-दूर से हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक यहां आते हैं। अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव में खाने-पीने विशेष आकर्षक स्वादिष्ट ऊंट दूध की शुद्ध मिठाईयों सहित ऊंट के दूध से बनी चाय को चखने का अवसर मिलता हैं, जिनका स्वाद कभी न भूलने जैसा है। यहां लगने वाले सजे बाजार, स्टालों में सुंदर हस्तशिल्प, गहने, बर्तनों और दुर्लभ वस्तुएं सभी का ध्यान आकर्षित करती हैं। प्रशिक्षित ऊंटों द्वारा बहुत ही मनमोहन नृत्य भी देखकर रोमांस देखते ही बनता हैं।

●अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव के अलावा बीकानेर में दर्शनीय स्थल हैं :- 

* बीकानेर का किला, जूनागढ़ फोर्ट,
गंगा सरकारी संग्रहालय सदुल संग्रहालय और लालगढ़ पैलेस परिसर बीकानेर हवेली (कोठारीस, रामपुरीयस, बाईड्स, दागस, मोहतास, दुधा और अन्य कई )भंडारेश्वर जैन मंदिर और लक्ष्मीनाथ मंदिर, ऊंट राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र, देवी कुंड सागर, करणी माता मंदिर- देशनोक (चूहे वाली माता)गजनेर पैलेस और वन्यजीव अभयारण्य प्रमुख हैं।

● बीकानेर कैसे पहुंचे :- 

अगर आप फ्लाइट से यात्रा कर रहे हैं तो जोधपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। जहां पर देश के लगभग सभी प्रमुश शहरों से यहां के लिए सीधी फ्लाइट है। एयरपोर्ट से 235 किमी दूर बीकानेर हैं जिसके लिए सीधी बसें और प्राइवेट टैक्सी उपलब्ध है। और अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे है तो बीकानेर में बीकानेर जंक्शन और लोहागढ़ रेलवे सहित दो बड़े स्टेशन हैं। दिल्ली, कोलकत्ता, मुंबई, जोधपुर और अन्य मुख्य शहरों से यहां ट्रेन पहुंचती है। मुख्य शहरों से सरकारी बसों सहित एसी डिलक्स, स्लिपर कोच और प्राइवेट वाहन बीकानेर के लिए उपलब्ध हैं।
अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाओ सहित ।

जय हिंद ! जय भारत !!

     ✍🏻 सूबेदार रावत गर्ग उण्डू 'राज'
( सहायक उपानिरीक्षक - रक्षा सेवाऐं भारतीय सेना
और स्वतंत्र लेखक, रचनाकार, साहित्य प्रेमी )

निवास :- ' श्री हरि विष्णु कृपा भवन '
ग्राम :- श्री गर्गवास राजबेरा, 
तहसील उपखंड :- शिव, 
जिला मुख्यालय :- बाड़मेर, 
पिन कोड :- 344701, राजस्थान।

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