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भजन विद्यासागर जी वाणी bhajan vidhyasagar ki vaani

विद्यासागर जी वाणी सुनो

विधा : भजन

विद्यासागर की वाणी सुनो।
ज्ञान अमृत का रसपान करो।
ज्ञानसागर दिव्य ध्वनि सुनो।
जैन धर्म का पालन करो।
विद्यासागर की वाणी सुनो।।

आज हम सबका यह पुण्य है।
मिला है हमें मनुष्य जन्म ..।
किये पूर्व में अच्छे कर्म। 
इसलिए मिला मनुष्य जन्म।
गुरुवर के मुखर बिंदु से।
जिनवाणी का ज्ञान प्राप्त करो।।
विद्यासागर की वाणी सुनो।
ज्ञान अमृत का रसपान करो।

वीर प्रभु जी की एक छवि। 
सदा दिखती है उनमें हमे.... ।
वीर प्रभु के कथनो को।
साकार करने आये धरती पर । 
कलयुग में मिले है हमें । 
सतयुग जैसे गुरुवर।।
विद्यासागर की वाणी सुनो।
ज्ञान अमृत का रसपान करो।

सदा आगम का अनुसरण करे।
उसके अनुसार ही वो चले ... ।
बाल ब्रह्मचारियों को ही। 
वो देते है दीक्षाएं।
पहले भट्टी में उन्हें तपते।
सोना बनाकर ही छोड़ते है।।
विद्यासागर की वाणी सुनो।
ज्ञान अमृत का रसपान करो।
संजय की प्रार्थना सुनो
अगला चौमासा मुम्बई में करो।।

ज्ञान सागर की दिव्य ध्वनि सुनो।
जैन के पथ पर चलो।
विद्यासागर की वाणी सुनो।
जिनवाणी का रसपान करो।।

उपरोक्त भजन आचर्यश्री १०८ विद्यासागर जी के चरणों में समर्पित है।

जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुंबई )
27/11/2019

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