विद्यापति की प्रमुख कृतियां
विद्यापति की प्रमुख कृतियां संस्कृत में
भूपरिक्रमा (राजा देव सिंह की आज्ञा से विद्यापति ने इसे लिखा। इसमें बलराम से सम्बन्धित शाप की कहानियों के बहाने मिथिला के प्रमुख तीर्थ-स्थलों का वर्णन है।)पुरुषपरीक्षा (मैथिली अकादमी, पटना से प्रकाशित)
व
लिखनावली
विभागसार (मैथिली अकादमी, पटना तथा विद्यापति-संस्कृत-ग्रन्थावली, भाग-१ के रूप में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा से प्रकाशित)
शैवसर्वस्वसार ( " " )
शैवसर्वस्वसार-प्रमाणभूत पुराण-संग्रह (विद्यापति-संस्कृत-ग्रन्थावली, भाग-२ के रूप में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा से प्रकाशित)
दानवाक्यावली ( " " )
गंगावाक्यावली
दुर्गाभक्तितरंगिणी (कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा से प्रकाशित)
गयापत्तलक
वर्षकृत्य
मणिमञ्जरी नाटक (मैथिली अकादमी, पटना से प्रकाशित)
गोरक्षविजय नाटक (कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा से प्रकाशित 'मिथिला परम्परागत नाटक-संग्रह' में
विद्यापति की प्रमुख कृतियां अवहट्ठ में देखिए
कीर्तिलता (मूल, संस्कृत छाया तथा हिन्दी अनुवाद सहित बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना से प्रकाशित)कीर्तिपताका (मूल, संस्कृत छाया तथा हिन्दी अनुवाद सहित नाग प्रकाशन, दिल्ली से प्रकाशित)
इसके अतिरिक्त शिवसिंह के राज्यारोहण-वर्णन एवं युद्ध-वर्णन से सम्बन्धित कुछ अवहट्ठ-पद भी उपलब्ध हैं।
विद्यापति की प्रमुख कृतियां मैथिली में
पदावली (मूल पाठ, पाठ-भेद, हिन्दी अनुवाद एवं पाद-टिप्पणियों से युक्त विस्तृत संस्करण विद्यापति पदावली नाम से तीन खण्डों में बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना से प्रकाशित)
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