लगन तेरी दिल मे लगी है फ़क़त
मेरे दिल में तेरी कमी है फ़क़त।
नज़र में बसी है जो सूरत हसीं
वही तो मेरी ज़िन्दगी है फ़क़त।
पता है वो हमपे फ़िदा हैं बहुत
दिखावे की ही बेरूख़ी है फ़क़त।
उसे छोड़ के ज़िन्दगी में मेरे
सितम,बेबसी, बेकली है फ़क़त।
वो जाने-ग़ज़ल है,मेरी ज़िंदगी
वो मेरे लिए शायरी है फ़क़त।
आकिब जावेद
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