कविता:- आधुनिक प्यार का परिणाम
ज़िन्दगी में बहार है , सुखों का पहाड़ है ,
मोहब्बत की दरिया दिल से बह रही है.
ख्यालों में तो हमेशा वही रह रही हैं ,
उन्हें पता भी नहीं, और हम रोशन पर आशिक़ी चल रही है.
वह दूसरों के बाहों में झुल रही है,
हमारे दिल में अरमान फल फूल रही है.
वह किसी के होंठों के रस को पीती है,
हम उनके ख्यालों में ही जीते हैं,
वह सफल पायी किसी के प्यार में ,
हम धोखा पाये उसी के ख्याल में,
कल तो वह घुमेगी कार में,
हम रोयेंगे बाज़ार में !
वह कल जनसंख्या बढ़ायेगी, किसी के प्रेम लुटाकर ,
हम जनसंख्या नियंत्रित करेंगे खुद को मिटाकर
मोहब्बत की दरिया दिल से बह रही है.
ख्यालों में तो हमेशा वही रह रही हैं ,
उन्हें पता भी नहीं, और हम रोशन पर आशिक़ी चल रही है.
वह दूसरों के बाहों में झुल रही है,
हमारे दिल में अरमान फल फूल रही है.
वह किसी के होंठों के रस को पीती है,
हम उनके ख्यालों में ही जीते हैं,
वह सफल पायी किसी के प्यार में ,
हम धोखा पाये उसी के ख्याल में,
कल तो वह घुमेगी कार में,
हम रोयेंगे बाज़ार में !
वह कल जनसंख्या बढ़ायेगी, किसी के प्रेम लुटाकर ,
हम जनसंख्या नियंत्रित करेंगे खुद को मिटाकर
रचनाकार
रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज ,
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज ,
कोलकाता ( बंगाल)
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