यशपाल की जीवनी yashpal ki jivani
Kavi yashpal ka jivan parichay
यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को पंजाब के फिरोजपुर छावनी में खत्री परिवार में हुआ था। उनकी माँ श्रीमती प्रेमदेवी वहाँ अनाथालय के एक स्कूल में अध्यापिका थीं। यशपाल के पिता हीरालाल एक साधारण कारोबारी व्यक्ति थे। उनका पैतृक गाँव रंघाड़ था, जहाँ कभी उनके पूर्वज हमीरपुर से आकर बस गए थे। पिता की एक छोटी-सी दुकान थी और लोग उन्हें ‘लाला’ कहकर -पुकारते थे। यशपाल की माँ अपने बेटे यशपाल और धर्मपाल को लेकर फ़िरोज़पुर छावनी में आ गयी वहां आर्य समाज के एक स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्य किया और दोनों बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के बारे में बहुत सजग थीं। यशपाल की रचाओ में जो ग़रीबी के प्रति तीखी घृणा व्यक्त हुई है वह आर्य समाज और स्वाधीनता आंदोलन के प्रति उपजे आकर्षण के मूल में उनकी माँ और उस समय के परिवेश की एक भूमिका रही है।
यशपाल को प्राप्त पुरस्कार (yashpal)
देव पुरस्कार (1955), सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार (1969), पद्म भूषण'(1970), मंगला प्रसाद पारितोषिक (1971), साहित्य अकादमी पुरस्कार (1976)
यशपाल की प्रमुख रचनाएँ /kavi yashpal
वे तूफानी दिन (आत्मकथा),दिव्या, देशद्रोही, झूठा सच, दादा कामरेड, अमिता, मनुष्य के रूप, मेरी तेरी उसकी बात (उपन्यास), पिंजड़े की उड़ाना, फूलो का कुर्ता, भस्मावृत चिंगारी, धर्मयुद्ध, सच बोलने की भूल (कहानी-संग्रह) तथा चक्कर क्लब (व्यंग्य-संग्रह)।
यशपाल के द्वारा रचित उपन्यास
दादा कामरेड 1941
देशद्रोही 1943
दिव्या 1945
पार्टी कामरेड 1946
मनुष्य के रूप 1949
अमिता 1956
झूठा सच भाग–1,1958 भाग–2,1960
बारह घंटे 1962
अप्सरा का शाप 1965
क्यों फंसे 1968
तेरी मेरी उसकी बात 1974
यशपाल का कहानी संग्रह /Yashpal ki kahaniyan
पिंजरे की उड़ान 1939
फूलो का कुर्ता 1949
धर्मयुद्ध 1950
सच बोलने की भूल 1962
भस्मावृत चिंगारी 1946
उत्तनी की मां 1955
चित्र का शीर्षक 1951
तुमने क्यों कहा था मै सुंदर हूं 1954
ज्ञान दान 1943
वो दुनिया 1948
खच्चर और आदमी 1965
भूख के तीन दिन 1968
उत्तराधिकारी 1951
अभिशिप्त 1943
यशपाल का व्यंग्य संग्रह
चक्कर क्लब
कुत्ते की पूंछ
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