सरस्वती वंदना
विमल मति कारिणी
शुभ्र हंस सवारिणि।
ज्ञान की प्रकाशिणि
श्वेत वस्त्र धारिणी।।
मातु देहि अजस्र ज्ञान
वृद्धि कर सुयश मान।
सत्य सर्वदा वदामि
त्वां सरस्वतीं नमामि ।।
विमल बुद्धि शुद्ध हो
जन - जन प्रबुद्ध हों।
तम मिटा धरा से
मुक्ति - भुक्ति जरा से।।
वयं कुर्यामः आरती
प्रसीद मातु भारती।
हिंद को विशुद्ध कर
प्रत्येक मति बुद्ध कर।।
विश्व निज कुटुम्ब हो
स्वच्छ क्षीर अम्बु हो।
वीणा को झंकार दो
अज्ञानता को मार दो।।
शिक्षा का प्रसार कर
कुंठा को मार कर।
पद कमल पसार दे
धरा को सँवार दे।।
युद्ध अद्य शान्त कर
तूं न किसी को भ्रांत कर।
बनूं अरि अन्तकम्
वयं नत् मस्तकम् ।।
स्वरचितं
।। कविरंगः।।
पर्रोई - सिद्धार्थ नगर (उ0प्र0)
विनोद कुमार पाण्डेय
उपनाम - कविरंग उर्फ पराशर
जन्म तिथि - 15-03 1973
पिता - पूज्य पाद श्री वशिष्ठ पाण्डेय
माता-श्रीमती सावित्री पाण्डेय
भार्या - श्रीमती विजय लक्ष्मी राय
पुत्र गण - तरुण राय और ओशो
ग्राम-पर्रोई
पो0-पेड़ारी बजुर्ग
जनपद - सिद्धार्थ नगर (उ0प्र0)
।। भारत।।
शैक्षणिक योग्यता - एम ए(संस्कृत) बी एड
बीटीसी टेट यू पी
पेशा - अध्यापन (शिक्षक)
रुचि- गद्य - पद्य लेखन हिंदी, संस्कृत
बहुत से लेख देश विदेश के समाचार पत्रों में प्रकाशित।
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