रासो साहित्य की प्रमुख रचनाऍ
पृथ्वीराज रासो- चंदबरदाईबीसलदेव रासो -नरपति नाल्ह
परमाल रासो -जगनिक
हम्मीर रासो - शार्ड.ग्धर
खुमान रासो- दलपति विजय
विजयपाल रासो -नल्लसिंह भाट
बुद्धिरासो- जल्हण
मुंज रासो - अज्ञात
रासो नाम की अन्य रचनाएँ-
कलियुग रासो- रसिक गोविंद
कायम खाँ रासो- न्यामत खाँ जान कवि
राम रासो- समय सुंदर
राणा रासो- दयाराम (दयाल कवि)
रतनरासो- कुम्भकर्ण
कुमारपाल रासो- देवप्रभ
रासो साहित्य की प्रमुख विशेषताएं
यह साहित्य मुख्यतः चारण कवियों द्वारा रचा गयाइन रचनाओं में चारण कवियों द्वारा अपने आश्रयदाता के शौर्य एवं ऐश्वर्य का अतिश्योक्ति पूर्ण वर्णन किया गया है
इन रचनाओं में ऐतिहासिकता के साथ-साथ कवियों द्वारा अपनी कल्पना का समावेश भी किया गया है
इन रचनाओं में युद्ध है प्रेम का वर्णन अधिक किया गया है
इन रचनाओं में वीर व श्रंगार रस की प्रधानता है
इन रचनाओं में डिंगल और पिंगल शैली का प्रयोग हुआ है इनमें विविध प्रकार की भाषाएं एवं अनेक प्रकार के छंदों का प्रयोग किया गया है
इन रचनाओं में चारण कवियों की संकुचित मानसिकता का प्रयोग देखने को मिलता है
रासो साहित्य की अधिकांश रचनाएं संदिग्ध एवं अर्ध प्रमाणिक मानी जाती है|
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