Ritikal kya h? Ritikal kise kahte h?
रीतिकालीन कवि कितने प्रकार के हुए हैं ritikal k mukhy kavi koun h?
इस युग मे तीन प्रकार के कवि हुए हैं।रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध और रीतिमुक्त।
रीतिबद्ध :- वे कवि हैं जो काव्य के रीति पद्दति पर रीतिग्रंथों की रचना करते थे।
रीतिसिद्ध Ritisiddh :-
वे कवि है जो केवल काव्य रीति का ध्यान रखते हुए काव्य रचना करते थे रीतिसिद्ध कवि कहलाते हैं।
रीतिमुक्त :- ये कवि किसी भी काव्य पद्धति,रीति,मार्ग को नहीं मानते थे और श्रृंगार की रचना करते हुए प्रेम का गायन करते थे।
~रीतिबद्ध धारा के कवि तथा उनके काव्य Ritibadh dhara ke kavi or unke kavy
१. चिंतामणि----------- काव्य-विवेक, कविकुल कल्पतरू, श्रृंगार मंजरी
२. मतिराम------------ रसराज, अलंकार पंचाशिका, ललित ललाम, वृत्त कौमुदी, मतिराम सतसई
३. भूषण-------------- शिवराज भूषण, अलंकर प्रकाश, छंदोंहृदय प्रकाश, शिवा बावनी, छत्रशाल दशक
४. जसवंत सिंह------- भाषा भूषण, आनंद विलास,सिद्धांत- बोध , अनुभव प्रकाश
५. कुलपति मिश्र------ रस रहस्य, नख-शिख, दुर्गा भक्ति तरंगनी
६. मंडन--------------- रस रत्नावली,रस विलास,नैन पचासा, काव्य रत्न
७. देव ------------- भाव विलास, भवानी विलास, रस विलास , काव्य रसायन
८. पद्माकर ----------- जगत विनोद, पद्माभरण , प्रताप सिंह विरुदावली, प्रबोध पचासा , गंगा लहरी
९. गोप -------- रामचंद्राभरण , रामचंद्र भूषण, रामालंकर
१०. ग्वाल कवि ---- नख-शिख, अलंकार भ्रम-भंजन, रस रूप कवि दर्पण
11 . भिखारी दास ---- काव्य-निर्णय, श्रृंगार निर्णय, रस सरांस, छंद प्रकास,
12 .रसलीन ------- अंगदर्पण , रस प्रबोध
13 .सोमनाथ ------ श्रृंगार विलास, प्रेम पचीसी
14 .दूल्ह ------- कविकुल कंठाभरण
15 .प्रताप साही ------ व्यंगार्थ कौमुदी, श्रृंगार मंजरी, श्रृंगार शिरोमणि, अलंकार चिंतामणि, काव्य विनोद
16 .द्विजदेव -------- श्रृंगार लतिका,श्रृंगार बत्तिसी , कविकल्पद्रुम
रीतिसिद्ध कवियों के काव्य Ritisidhh kaviyon ke kavy
रीतिकालीन समस्त कवियों में बिहारी ही एक मात्र ररीतिसिद्ध कवि हैं उनकी रचना भी एक मात्र बिहारी सतसई ही हैं।
बिहारी ------- बिहारी सतसई
रीतिमुक्त कवियों के नाम और उनके काव्य Ritumukt kaviyo ke nam or kavya
१. घनानंद ----- सुजानहित प्रबंध, कृपाकंद निबंध, इश्कलता,
२. आलम ------ आलम केलि
३. बोधा ------- इश्कनामा, विरह वारिश,
४. ठाकुर ---- ठाकुर ठसक,ठाकुर शतक
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