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यादों के सहारे .. Yaadon ke sahare

यादों के सहारे

विधा : गीत

पुरानी यादों के सहारे,
जीये जा रहा हूँ मैं ।
तुझे याद है कि नहीं,
मुझे कुछ पता नही।
तेरी बेरुखी अब मुझसे,
नहीं देखी जा रही।
तुझे कुछ पता है कि में
कैसे जी रहा तेरे बिना।।

मुझे मालूम होता कि,
मोहब्बत में ये सब होगा।
तो में निश्चित ही ये दिल,
किसी से भी न लगता।
मगर मोहब्बत कोई करता,
 नही सोच समझकर।
ये दिल तो अपने आप,
किसी से लग जाता है।।

मोहब्बत का दस्तूर ही,
कुछ ऐसा होता है।
किसको खुशीयाँ देता है,
तो किसको गम भी देता है।
यही तो जिंदगी का सही,
चक्र जीवन में चलता है।
किसको प्यार मिलता है,
किसको नफरते मिलती।।

मोहब्बत करने वालो का,
अलग ही अंदाज होता है।
पुरानी यादों के सहारे,
जीये जा रहा हूँ  मैं।
और जामने के दर्द को
पिये जा रहा हूँ अब तक।।

जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
25/12/2019

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