छंद
मज़हब के नाम पे " मेरोठा " इतना अंधा क्यूँ है।
हमारे दिलों में नफ़रत की बहती गंगा क्यूँ हैं।।
जब लहरता है तिरंगा हमारे दिलों की छत पर।
तो फिर आज अपने इस शहर में दंगा क्यूँ है।।
Op Merotha hadoti Kavi
छबड़ा जिला बारां राजस्थान
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