मत मनाएं अभी वर्षगांठ
यह जिंदगी रहता न स्थिर ,
कोई राज्य का राजन बनता तो कोई बनता वीर !
सब को अपने वर्षगांठ मनाने का करता दिल ,
कहें मैं रोशन अभी जिसका-जिसका जन्मदिन है,
अभी मनायें न अभी मनना है मुश्किल !
क्योंकि कोरोना गई है पर्यावरण में मिल ,
उससे बचो ,जब ज़िन्दगी रहें फिर ,
हंसता-मुस्कुराता रहे ये शरीर ,
तब जन्मदिन मनाना यारों , लगाकर भीड़ !!
घर पर रहकर कोरोना से मुक़ाबला करों ,
मत पार करों घर की लकीर ,
घर पर ही बिना केक के वर्षगांठ मना लो, जाओ
न नदी किनारे और झील !
यही कविता से हम " कलम लाइव पत्रिका " के साथ
और किये है मोदी जी आप सभी से अपील ,
तो बाहर न निकलें , क्योंकि ये कोरोना की समस्या है जटिल !
® रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
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