*यादों का महीना*
मधुर मिलन का है महीना।कहते जिसे सावन का महीना।
प्रीत प्यार का है महीना,
कहते जिसे सावन का महीना।
नई नबेली दुल्हन को,
प्रीत बढ़ाता ये महीना।।
ख्वाबो में डूबी रहती है,
दिन रात सताती याद उन्हें।
होती रिमझिम वारिश जब भी,
दिल में उठती तरंग अनेक।
पिया मिलन को तरस रही है,
सावन के महीने में वो।।
रोग लग हैं नया नया,
क्योंकि ब्याह हुआ हैं अभी अभी।
करे इलाज कैसे इसका,
मिट जाए ये रोग नया।
पिया मिलन तुम करवा दो,
सावन के इस महीने में।
संग झूलेंगे और खेलेंगे,
तो मिट जाएंगे रोग सभी।।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
23/07/2019
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