प्यार का महल
मिलना बिछड़ना यारो,
जिंदगी का एक पहलू है।
वहां तुम तड़फ रहे हो,
यहां हम तड़फ रहे है।
मदहोश ये निगाहे,
तुमको ही खोज रही है।
जिसे तुम देख रहे हो,
वो तेरे सामने खड़ा है।।
किस्सा ये मोहब्बत का,
किसने शुरू किया है।
दिल बहुत मचलता,
जब सामने से वो निकलते।
न पाने की है चाहात,
और न खोने का डर है।
वो मेरे दिल में बस्ते,
हम उनके दिल में रहते।।
जब भी होते है अकेले,
याद वो ही आते रहते।
खाली पना ये दिल का,
उनके बिना नही भरता।
कैसे कहे हम उनसे,
बन जाओ मेरी तुम सांसे।
जिंदगी जियेंगे दोनों,
हिल मिलकर यहां पर।
करके मोहब्बत दोनों,
बनायेंगे एक प्यार का महल।।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
20/11/2019
मिलना बिछड़ना यारो,
जिंदगी का एक पहलू है।
वहां तुम तड़फ रहे हो,
यहां हम तड़फ रहे है।
मदहोश ये निगाहे,
तुमको ही खोज रही है।
जिसे तुम देख रहे हो,
वो तेरे सामने खड़ा है।।
किस्सा ये मोहब्बत का,
किसने शुरू किया है।
दिल बहुत मचलता,
जब सामने से वो निकलते।
न पाने की है चाहात,
और न खोने का डर है।
वो मेरे दिल में बस्ते,
हम उनके दिल में रहते।।
जब भी होते है अकेले,
याद वो ही आते रहते।
खाली पना ये दिल का,
उनके बिना नही भरता।
कैसे कहे हम उनसे,
बन जाओ मेरी तुम सांसे।
जिंदगी जियेंगे दोनों,
हिल मिलकर यहां पर।
करके मोहब्बत दोनों,
बनायेंगे एक प्यार का महल।।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
20/11/2019
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