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तेरे संग जीना मरना tere Sang jina marana

विधा : कविता

तेरे संग जीना मरना


जीना मरना तेरे संग है।
तो क्यो और के बारे में सोचना।
मिला है तुम से इतना प्यार,
तो क्यो गम को गले लगाना।
और हंसती खिल खिलाती,
जिंदगी को क्यो रुलाना।
अरे बहुत मिले होंगे
तुम्हे प्यार करने वाले।
पर दिल से मोहब्बत
करने वाला में ही होगा।।

आज दिल कुछ उदास है।
चेहरे पर उदासी का राज है।
कैसे कहूँ में बिना देखे,
दिल मानता नही है।
इसलिए कब से बैठा हूँ,
तेरे दीदार के लिए।
पर तुम हो जो आज,
नजर ही नही आ रहे।
जिसके कारण आंखे
और दिल उदास है।।

तुझे क्या कहूँ में अब,
कुछ तो तुम्ही बता दो।
उदास इस दिल में,
कोई दीप जला दो।
दिल के अँधेरेपन को,
तुम जग मगा दो।
और वर्षो की प्यास को,
आज बुझा दो।
और अपने दिल की, 
आवाज़ को हमे सुना दो।।

जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
06/11/2019

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