अभी सवेरा अभी न अंधेरा
आयी सूर्य की किरण हुआ सवेरा ,
चलो काम पर ,छोड़ो अब डेरा ,
क़ीमती वक्त है आपका और मेरा ,
करते हैं कोशिश आप गुरु हम चेला
हटाओ कल की बात क्या दुख तकलीफ़ झेला ,
कुछ नव निर्माण करो , यही करवाने आयी है सवेरा
लेंगे सहयोग पहले कोशिश करें अकेला ,
कहीं सुख दे दें विधाता विष हरे तेरा ।
रोशन चलो चलो काम पर हुई सवेरा ,
तन-मन से काम करो, क्या होगा देखकर मेला ।।
राह पर लाख विपत्ति पड़े होंगे झमेला ,
सब से निपटना है, यही कह रही हैं सवेरा ।।
उठो उठो त्याग करो डेरा ,
चलो कुछ कर लेते हैं , हुई सवेरा ।।
रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
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