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बेटियाँ करूं तुम्हारी उपकार Betiyan karu tumhari upkar

बेटियाँ करूं तुम्हारी उपकार 

बेटियाँ करूं तुम्हारी उपकार ,
रचनाकारों के साथ मैं रोशन कुमार !
देखकर मां बहन को ,आई बेटियाँ पर विचार ,
कि कैसे करूं बेटियाँ की देखभाल !!

कोई सप्ताह ऐसा गुजरते नहीं , कि होते नहीं बलात्कार ,
और देख रहे हैं गूँगी सरकार !
इस संकट से जूझ रहा है संसार ,
बेटियों को बचाने के लिए आगे आओ यार !!

होगी लड़कियों की जीत, दुश्मनों का होगा हार ,
है हमें हर एक बेटियाँ की ख़्याल !
कैसे करूं , जैसे करूं , पर करूं बेटियाँ की देखभाल ,
यही हैं इस कविता में मेरी विचार !!
              
®  रोशन कुमार झा 
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 

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