शिव पूजन
श्रावण माह शिव पूजन चाह,गृह से निकली हैं कन्या कुमारी।
थाल भरी बहु पुष्पन् से
भोले बाबा से माँगत पिया अधिकारी।।
लिये दीपक धूप अगरू औ सुगंध
जलाय रहीं हैं सम्हारि के सारी।
मनोकामना मोर तुम पूर करौ
बाबा चढ़ाइब हम धतूर सोपारी।। 1।।
शिव पूजि के मंदिर ते निकसी
नन्दी के सम्मुख कर बद्ध हैं ठाढ़ी।
बाबा के वाहन विनती मोर सुनौ
याद धरावन तुम्हारे जिम्मेदारी।।
दूबि औ अक्षत सम्मुख धरै
पैर दबावत हिम्मत बाढ़ी।
आँख से अश्रु झरत हैं भू पर
प्रेम प्रतीति बड़ी है गाढ़ी।। 2।।
सावन मास शिव पूजन खास
बाबा के धाम चलैं काँवरिया।
लिए कंधे पे कांवरि साजि रहे
पहने हैं बस्त्र सबै केसरिया।।
जय-जयकार हैं भोले के द्वार
कंकड़ पूर्ण भरी है डगरिया।
सुल्तानगंज से गंग भरैं
झलकत आज है बाबा की नगरिया।।
।। कवि रंग ।।
पर्रोई - सिद्धार्थ नगर (उ0प्र0)
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