आसान जिंदगी
कोरोना ने कर दी जिंदगी आसान
सच कह रहे हम, बात हमारी मान।
सागर नदियां नाले, हो गए स्वच्छ
कोरोना है ईश्वर द्वारा भेजा गया क्वच।
धरती से भागा फिर रहा पर्यावरण
ज़हरीले धुंए से हुआ शुद्ध वातावरण।
पशु पक्षी सब मिलकर नाच गा रहे
आजादी पर अपनी जश्न मना रहे।
रंगों से भर गए बाग बगीचे वन उपवन
सुगंध से भर गए फूलों से भरे चमन।
जब से आया कोरोना वायरस का दौर
रोगों को दूर भगाने का लगा रहे ज़ोर।
कोरोना से पहले ना ऐसी सब्जी मिली
देसी सब्जी से जिंदगी लगे खिली खिली।
देखा गया लोगों में बहुत बड़ा बदलाव
खांए घर के चावल, चापाती वा पुलाव।
फिर से आ रही धरती पर बसंत बहार
ग्रीष्म ऋतु में है बरस रही ठंडी ठंडी फुहार।
सुना है अंधकार के बाद आता है उजाला
नहीं सुबह से होगा, आने वाला कल निराला।
कल्पना गुप्ता/ रतन
परिचय
नाम_कल्पना गुप्ता सीनियर लेक्चरर
कलमी नाम_कल्पना गुप्ता/ रतन
जम्मू एंड कश्मीर
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