अब तो समर होगा"
चाहिए न यश बनूं न पाप का भागी,
देख अपनों को विरूद्ध ये चेतना जागी।
रक्त से न श्रेष्ठ होगी जीत इस रण में,
वेदना अभिशाप बन जायेगी जीवन में....
मुक्ति न पाऊंगा लाखों पुण्य करकर भी,
प्रायश्चित न होगा अश्रु सिंधु भरकर भी !
धर्म के बस नाम पर कैसे अधम करदूँ,
जीतने को मात्र अभिलाषा विषम करदूँ?
मृत्यु के भी बाद केशव चित्त कर्कश हो,
विश्व के विध्वंस का कारण ये तरकश हो!
शर भुजाएं शिथिल ये न छोड़ पाएंगी,
शिष्य गुरु मर्यादा ये न तोड़ पाएंगी?
सामने मेरे पितामह और भाई भी,
कांपते हैं पग दृगौं में धूल छाई सी..
मात्र क्षण भर भी खड़ा में रह नहीं सकता,
पाप के बदले विजय मै सह नहीं सकता!
विजय मै सह नहीं सकता!
विजय मै सह नहीं सकता!
शब्द अर्जुन के श्रवण कर कृष्ण ये बोले,
स्व- जनों के प्राण पारथ धर्म से तोले?
लक्ष्य कोई शेष न जो है नहीं बेधा,
तुम धरातल श्रेष्ठ केवल एक ही योद्धा!
हो अकातर भूमि पर साहस तुम्हीं तुम हो,
हे धनंजय वीरता का यश तुम्हीं तुम हो!
जिनको तुम कहते स्वजन वे मात्रकल्पितहैं,
कल्पना मेरी हैं वो मेरे ही अर्जित हैं..
वस्त्र खाली सा है तन बस,आत्मा मै हूं,
है मनुज इक राग उसकी रिद्धिमा मै हूं!
व्यर्थ के ना शोक अर्जुन शोभते तुझको,
देख नभ थल अग्नि और जल वायु में मुझ को...
कुछ नहीं है वश में तेरे कर्म ही तो है,
न्याय का तू साथ दे ये धर्म ही तो है;
क्या बुरा है क्या सही ये काम है मेरा,
तू समय के साथ चल ये काम है तेरा!
मुट्ठियों को बन्द कर जो कामना करते,
सत्य पथ पर जो कभी न मृत्यु से डरते!
वे ही स्थित प्रज्ञ हैं मनु की हैं वे संतान,
घोर संकट के क्षणों का कर लेते संज्ञान..
तू नहीं मारेगा तो भी तो ये रण होगा,
दुरजनों के नाश का अब तो समर होगा!!
अब तो समर होगा!
अब तो समर होगा!
अब तो समर होगा!!
नाम, धरम डी. चंदेल
पता , दाभौरा, पोस्ट शाहगढ़
जिला अलीगढ़
पिन 202121
उत्तर प्रदेश!
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