बूढ़ापा में भी जोश
उगते पल के साथ अरमान जागने लगे ,
बूढ़ापे में लोक - लाज भागने लगे ।
अभी तो बस देखें है डिजिटल इण्डिया के सपना ,
क्यों न मैं बूढ़ापे में बन जाऊं , उन संस्था का अपना ।
जियो (JIo ) ने दी है नि: शुल्क का तोफा ,
इसलिए मैंने अपना बूढ़ापा जियो पर ही सौंपा ।
चल रही है फेसबुक , व्हाट्सएप की दौड़ ,
क्यों न मैं बूढ़ापे में जाऊं उनमें जोड़ ।
स्मार्टफ़ोन बिना थे हम लंगड़ा ,
आज एहसास हो रही है, मेरा जवानी अभी भी है तगड़ा ।
बूढ़ापे में भी कई कॉमेंट आ गये ,
क्या कहूं मैं भी कितने के प्रोफल फाइल पर छा गये ।
रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय
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