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किसी बेटी के बेटा तो किसी बेटी की पोता हूं kisi beta ka beta hu to kisi ka pota hun

किसी बेटी के बेटा तो किसी बेटी की पोता हूं 


मैं किसी बेटी के बेटा, तो किसी बेटी की पोता हूं  ,
आज उन्हीं की वज़ह से मैं जागता और सोता हूं !
धीरे-धीरे ये उम्र खोता हूं ,
कल रहूं या न रहूं , इसलिए आज बेटियों पर ही 
एक कविता बोता हूं  !!

भले मैं छोटा हूं ,
पतला , मैं नहीं मोटा हूं !
जब कहीं होते बलात्कार मैं भंयानक रोता हूं ,
उस गिध्द को मार भगाना है , भले मैं तोता हूं !!

गिद्ध को मारने में भले मैं रोशन मर जाऊं, कोई ग़म नहीं
क्योंकि मैं भाई न इकलौता हूं  !
अपने संस्कृति सभ्यता को धोता हूं ,
हां में हां मिला देते, कुछ करों बेटियों की 
सुरक्षा के लिए , मैं न  श्रोता हूं !
सच में मैं बेटियों की दुख दर्द देखकर मैं रोता हूं !!

गिलास हूं , मैं न लोटा हूं ,
प्यास बुझाना आता हमें इसलिए
मैं बेटियों की सम्मान की न्योता हूं ,
जो नारी के विरूद्ध जाये उसके लिए मैं खोटा हूं ,
क्योंकि मैं भी किसी बहन बेटी की पोता हूं !!
            
® रोशन कुमार झा 
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 

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