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माता क्या लिखूं तेरे बारे Maata kya likhu tere baare

 हे, माता क्या लिखूं तेरे बारे

तू ही मेरी भाग्य विधाता ,
तू नहीं तो हम रह न पाता !
आज मां तुम्हारी दिन दुनिया मनाता ,
बोल मां क्या लिखूं तेरे बारे में , 
हाथ में कलम खोल कर रखा हूं खाता ‌।।
तू नहीं तो हम रोशन को सुपथ राह कौन दिखाता ,
विष-सुधा व सही ग़लत कौन बतलाता ।
क्या वर्णन करूं हम रोशन, तू पूनम हमारी माता ,
तुम्हारी सिवा व्यर्थ है दुनिया की सारी नाता !

तू ही मेरी मंजिल, तुमसे ही है मेरी प्राण ,
पहले तू , बाद में है मेरे लिए भगवान ।
राहुल,राजन,तनु , हूं हम भाई-बहन तेरी संतान ,
आज बहुत आनंद हूं बोल मां क्या करूं तेरी बखान !!

हम फूल, हमें तू निर्मल जल से की पुलकित ,
कैसे भूलूं वह सब दिन मां जो गई बीत ।
चलना सीखाई ,बतलाई हार और जीत ,
मां तुम्हारे लिए यही मेरी दो बात है,
इसे कविता कहो या कहो गीत ।।

           रोशन कुमार झा 
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
रोशन कुमार झा का सम्पूर्ण जीवन परिचय और अन्य रचनाएँ

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