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रोशन कुमार झा जीवन परिचय Roshan kumar jha jivan prichay

साहित्यिक जीवन परिचय

नाम :- रोशन कुमार झा
शिक्षा:- सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता, कलकत्ता विश्वविद्यालय (हिन्दी आनर्स द्वितीय वर्ष )
मो :-6290640716, (7980860387)
बचपना का नाम :- गंगाराम
पिता का नाम :- श्रीष्टु झा
माता :- पूनम देवी
जन्म की तारीख :-13-06-1999
जन्म स्थान ; ग्राम :- झोंझी, जिला :- मधुबनी, बिहार
भाई :- चार हम बड़े (रोशन, राहुल,राजन, आनंद )
### सेवा कर रहे हैं :-
Roshan Kumar Jha
(1) 31st Bengal Bn Ncc Fort William Kolkata:-B
,coy no:-5 ( Reg no:- WB17SDA112047)
(2) Narasinha Dutt College st
John Ambulance (Medical )
(3) The Bharat Scouts & Guides
Veriang scouts and Gulmarg Guides
Bamangachi (BMG ) Group,Eastern Railway District:-Howrah ,
(4) Ramakrishna College Madhubani :-
National Service Scheme (NSS)
(5) विगत तीन वर्ष से 11 व 12 वीं कक्षा के (विज्ञान व वाणिज्य के छात्र-छात्राओं को " हिन्दी विषय " व कला विभाग के समस्त विषयों को निःशुल्क पढ़ाते आ रहे हैं ! हम जो भी रचते हैं,वह सब हम इन संस्थाओं से पाये अनुभव पर और आज जो भी हम कविता लिखते हैं ,
वह हम अपने गुरु अमिताभ सिंह (बच्चन सर ) से सीखें है ! गुरु जी को बहुत बहुत धन्यवाद !
लेखन कार्य में हमारे दोस्त, आशीष, धर्मेंद्र, मोनू और भी , कालेज का प्रोफेसर, व अपने छात्र-छात्राओं का भी सहयोग रहा है !और रचने की जो भाव होती है ,वह दुख दर्द से वह भी मैं पा चुका हूं !
2015 :- 10 वीं कक्षा में हिन्दी में सर्वाधिक अंक लाने पर सन्मार्ग समाचार पत्र के रामवतार प्रतिभा पुरस्कार से हमें सम्मानित किया गया,
2017 :- वही 12 वीं में मिथिला स्टूडेंट यूनियन पश्चिम बंगाल पुरुस्कार से सम्मानित हुए, और रचनात्मक क्षेत्र में (2017)हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में लिखें कविता से कलकत्ता विश्वविद्यालय व श्री शिक्षायतन कॉलेज से प्रमाण पत्र हासिल किये ! और भी हम एन सी सी से संस्कृति कार्यक्रम में नाटक, कविता, व्यंग्य लेखनशैली से पुरस्कृत हुए है !
हम पांच भाषा में कविताएं रचते हैं :- हिन्दी, मैथिली, बंगाली, भोजपुरी व अंग्रेजी में और जब हम सलकिया विक्रम विद्यालय में ग्यारहवीं में
रहें तभी ही मेरा रचित छोटा सा व्यंग्य :-
" घर को बनाये प्राथमिक शिक्षा का केंद्र " वह प्रभात खबर में 07-12-2015 सोमवार को प्रकाशित हुआ,
उसके बाद समज्ञा समाचार पत्र में मेरा पहला कविता " रेलगाड़ी की उचित व्यवहार " 04-09-2016 रविवार को प्रकाशित हुआ, फिर भारत एक नज़र समाचार पत्र में नदी की जीवन, प्रदुषण मुक्त करता साईकिल, कविताएं
सब प्रकाशित होने लगें, फिर 19-01-2017 नोटबंदी के समय मेरा कविता नोटबंदी की प्रभाव News of Bengal में प्रकाशित हुआ ! तब से आज तक रचनात्मक कार्य में तन-मन से लगे हैं और लगें रहेंगे !

रचनाएँ

■  कोरोना पृथ्वी दिवस
■ भारतीय रेल
■ कोरोना के खिलाफ लड़ूंगा
हो नेता योगी जैसा
■ आप लोगों से सहयोग चाहिए
■ देखो बेकसूर साधु की हुई हत्या
■ बिगड़ा आर्थिक स्थिति
■ कविता से मोहब्बत हुई
कविता से प्यारा हुआ धीरे धीरे
■ अपना बिहार


दोहा
■ कोरोना पर दोहा


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