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शौर्य वीरचक्र विजेता अमर शहीद मेजर सलमान अहमद खान Shaurya virchakr vijeta shahid salmaan ahamad Khan

शौर्य वीरचक्र विजेता अमर शहीद मेजर सलमान अहमद खान

शौर्य चक्र विजेता अमर शहीद मेजर सलमान अहमद खान का जन्म 22 अक्तूबर 1978  बाबूपुरवा कालोनी, किदवई नगर कानपुर  में हुआ था।  उनके पिता का नाम मुश्ताक़ अहमद खान है। जो सी ओ डी कानपुर में कार्यरत थे। उनके दो बड़े भाइयों के नाम  इकरार अहमद खान और कामरान अहमद खान हैं। कक्षा 6 से 12 तक शिक्षा आर्मी स्कूल में प्राप्त की। 1995 में उनका चयन एन. डी. ए. में हुआ। 1999 में पहली पोस्टिंग सिख रेजीमेंट पठानकोट में हुई।  05 मई 2005 को मेजर सलमान खान ने जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक आतंकी हमले के दौरान मुठभेड़  में एक आतंकी कोमार गिराया। दूसरे आतंकी के भागने पर उसका पीछा करने लगे। एक घर में आतंकी के छिपे होने की सूचना मिली लेकिन वहाँ से स्वचालित हथियारों से आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में बुरी तरह  घायल हो गये।घायल अवस्था में भी आतंकी ठिकाने पर उन्होंने कई  हथगोले फेंक कर दूसरे आतंकी को भी मार गिराया। ज़ख्मों की ताब न ला पाने के कारण सात मई 2005 को कानपुर का लाल मादर ए वतन पर शहीद हो गया। वर्ष 2006 में मरणोपरान्त मेजर सलमान को शौर्च चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी शहादत को सम्मान देते हुए झकरकटी अंतराज्यीय बस अड्डे का नाम मेजर सलमान खान के नाम पर रखा गया। क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश सिंह के अनुसार हर वर्ष बस अड्डे पर यौम ए शहादत के दिन 07 मई को मेजर सलमान खान को एक समारोह आयोजित कर श्रद्धांजलि दी जाती है।
इस वर्ष भी इस परंपरा को बदस्तूर निभाया गया।
   भाई कामरान अहमद खान ने बताया कि मेजर सलमान खान की शहादत के बाद महाबलीपुरम कानपुर में उनके नाम से एलाट किया गया प्लाट परिवार के तमाम प्रयासों के बाद भी अब तक परिवार को प्राप्त नहीं हो सका है। शासन प्रशासन और कानपुर के मंत्रियों,सांसदों और विधायकों को कोशिश कर के उक्त प्लाट शहीद आफिसर के परिवार को दिलाना चाहिए। यही हमारी शहीद के प्रति सच्ची होगी।

अब्दुल हमीद इदरीसी,
वरिष्ठ प्रबंधक, सेवानिवृत्त,
पंजाब नेशनल बैंक,
मण्डल कार्यालय, कानपुर।

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