भौजी के दीवाने
मन मौनजी भौजी और, भैया की ये है कहानी।सबको सुना रहे हैं।
देवर दीवाने।
क्योंकि भौजी की अदाएं हैं निराली।।
भौजी की अदाएं बहुत हैं निराली।
जिस पर भैया है बहुत दीवाने।
बात ये भौजी ने भली भांति जानी।
बात ये भौजी ने भली भांति जानी।
तभी तो भैया की कर रखी जेब है खाली।
क्योंकि भौजी की अदाएं हैं निराली।।
अब तो भौजी के जलबे ही जलबे।
भैया के संग गांव वाले भी हैं मचलते।
तभी तो भौजी अब ज्यादा इतराती ।
तभी तो भौजी अब ज्यादा इतराती।
सारे गांव में वो अपनी चलती।
बड़े बूढे भी अब ये देखकर के है परेशान ।
क्योंकि भौजी की अदाएं हैं निराली।।
भौजी से कोई कुछ कह नहीं सकता।
सास भी बहु के आगे पीछे फिरता।
तभी तो भौजी सबके सिर पर चढ़ी हैं।
तभी तो भौजी सबके सिर पर चढ़ी हैं।
नंद के दिमाग में ये बात बहुत खटक रहे हैं।
क्योंकि भौजी की अदाएं निराली हैं।।
उपरोक्त बुन्देलखंडी गीत आप सभी को समर्पित हैं अपनी प्रतिक्रियाएं दे।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
10/07/2019
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