आपका दिन
"मैं केक नहीं काटूँगी।" उसने यह शब्द कहे तो थे सहज अंदाज में, लेकिन सुनते ही पूरे घर में झिलमिलाती रोशनी ज्यों गतिहीन सी हो गयी। उसका अठारहवाँ जन्मदिन मना रहे परिवारजनों, दोस्तों, आस-पड़ौसियों और नाते-रिश्तेदारों की आँखें अंगदी पैर की तरह ताज्जुब से उसके चेहरे पर स्थित हो गयीं थी।
वह सहज स्वर में ही आगे बोली, "अब मैं बड़ी हो गयी हूँ, इसलिए सॉलिड वर्ड्स में यह कह सकती हूँ कि अब से यह केक मैं नहीं मेरी मॉम काटेगी।" कहते हुए उसके होठों पर मुस्कुराहट तैर गयी।
वहाँ खड़े अन्य सभी के चेहरों पर अलग-अलग भाव आए, लेकिन जिज्ञासावश वे सभी चुप रहे। उसकी माँ उसके पास आई और बोली, "मैं क्यों...? बेटे ये आपका बर्थडे है। केक आप ही काटो।"
उसने अपनी माँ की आँखों में झाँकते हुए उत्तर दिया, "मॉम, आपको याद है कि मेरे पैदा होने से पहले आपको बहुत दर्द हुआ होगा... लेबर पैन। उसके बाद मैं पैदा हुई।"
माँ ने हाँ में सिर हिला दिया।
वह आगे बोली, "इसका मतलब मेरा बर्थडे तो बाद में हुआ, उससे पहले आपका लेबर-डे है। एटीन की होने से पहले यह बात सबके सामने नहीं कह सकती थी। लेकिन आज... हैप्पी लेबर-डे मॉम।" आखिरी तीन शब्दों को उसने पूरे जोश से कहा।
और यह कहकर उसने अपने हाथ में थामे हुए चाँदी के चाकू से केक के ठीक ऊपर तक लटके हुए बड़े गुब्बारे को धम्म से फोड़ दिया।
"मैं केक नहीं काटूँगी।" उसने यह शब्द कहे तो थे सहज अंदाज में, लेकिन सुनते ही पूरे घर में झिलमिलाती रोशनी ज्यों गतिहीन सी हो गयी। उसका अठारहवाँ जन्मदिन मना रहे परिवारजनों, दोस्तों, आस-पड़ौसियों और नाते-रिश्तेदारों की आँखें अंगदी पैर की तरह ताज्जुब से उसके चेहरे पर स्थित हो गयीं थी।
वह सहज स्वर में ही आगे बोली, "अब मैं बड़ी हो गयी हूँ, इसलिए सॉलिड वर्ड्स में यह कह सकती हूँ कि अब से यह केक मैं नहीं मेरी मॉम काटेगी।" कहते हुए उसके होठों पर मुस्कुराहट तैर गयी।
वहाँ खड़े अन्य सभी के चेहरों पर अलग-अलग भाव आए, लेकिन जिज्ञासावश वे सभी चुप रहे। उसकी माँ उसके पास आई और बोली, "मैं क्यों...? बेटे ये आपका बर्थडे है। केक आप ही काटो।"
उसने अपनी माँ की आँखों में झाँकते हुए उत्तर दिया, "मॉम, आपको याद है कि मेरे पैदा होने से पहले आपको बहुत दर्द हुआ होगा... लेबर पैन। उसके बाद मैं पैदा हुई।"
माँ ने हाँ में सिर हिला दिया।
वह आगे बोली, "इसका मतलब मेरा बर्थडे तो बाद में हुआ, उससे पहले आपका लेबर-डे है। एटीन की होने से पहले यह बात सबके सामने नहीं कह सकती थी। लेकिन आज... हैप्पी लेबर-डे मॉम।" आखिरी तीन शब्दों को उसने पूरे जोश से कहा।
और यह कहकर उसने अपने हाथ में थामे हुए चाँदी के चाकू से केक के ठीक ऊपर तक लटके हुए बड़े गुब्बारे को धम्म से फोड़ दिया।
लेखक परिचय:-
नाम: डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी
शिक्षा: पीएच.डी. (कंप्यूटर विज्ञान)
सम्प्रति: सहायक आचार्य (कंप्यूटर विज्ञान)
सम्पर्क
फ़ोन: 9928544749
डाक का पता: 3 प 46, प्रभात नगर, सेक्टर-5, हिरण मगरी, उदयपुर (राजस्थान) – 313 002
यू आर एल: http://chandreshkumar. wikifoundry.com
लेखन: लघुकथा, कविता, ग़ज़ल, गीत, कहानियाँ, बालकथा, बोधकथा, लेख, पत्र
पत्र-पत्रिकाओं का नाम जिनमें रचनाएँ प्रकाशित हुईं
मधुमति (राजस्थान साहित्य अकादमी की मासिक पत्रिका), लघुकथा पर आधारित “पड़ाव और पड़ताल” के खंड 26 में लेखक, अविराम साहित्यिकी, लघुकथा अनवरत (साझा लघुकथा संग्रह), लाल चुटकी (रक्तदान विषय पर साझा लघुकथा संग्रह), देश-विदेश की कथाएँ (लघुकथा संकलन/अशोक भाटिया), नयी सदी की धमक (साझा लघुकथा संग्रह), अपने अपने क्षितिज (साझा लघुकथा संग्रह), सपने बुनते हुए (साझा लघुकथा संग्रह), अभिव्यक्ति के स्वर (साझा लघुकथा संग्रह), स्वाभिमान (साझा लघुकथा संग्रह), वागर्थ, लघुकथा कलश, विभोम-स्वर, नव-अनवरत, दृष्टि (पारिवारिक लघुकथा विशेषांक), दृष्टि (राजनैतिक लघुकथा विशेषांक), हिंदी जगत (विश्व हिंदी न्यास, न्यूयॉर्क द्वारा प्रकाशित), हिंदीकुञ्ज, laghukatha.com, op enbooksonline.com, विश्वगाथा, शुभ तारिका, अक्षर पर्व, अनुगुंजन, क्षितिज पत्रिका लघुकथा विशेषांक अंक 9 वर्ष 2018, एम्स्टेल गंगा (नीदरलैंड से प्रकाशित), हिमालिनी (काठमांडू, नेपाल), सेतु पत्रिका (पिट्सबर्ग), शोध दिशा, ककसाड़, साहित्य समीर दस्तक, अटूट बंधन, सुमन सागर त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका, दैनिक भास्कर, दैनिक राजस्थान पत्रिका, किस्सा-कृति (kissakriti.com), वेबदुनिया, कथाक्रम पत्रिका, करुणावती साहित्य धारा त्रैमासिक, साहित्य कलश त्रैमासिक, मृग मरीचिका, अक्षय लोकजन, बागेश्वरी, साहित्यसुधा (sahityasudha.com), सत्य दर्शन, साहित्य निबंध, युगगरिमा, युद्धरत आम आदमी, जय-विजय, शब्द व्यंजना, सोच-विचार, जनकृति अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका, सत्य की मशाल, sabkuchgyan.com, रचनाकार (rachanakar.org), swargvibha. in, hastaksher.com, ekalpana. net, storymirror.com, hindilek hak.com, bharatdarshan.co.nz, hindisahitya.org, hindirachnas ansar.com, bharatsarthi.com, अमेजिंग यात्रा, निर्झर टाइम्स, राष्ट्रदूत, जागरूक टाइम्स, Royal Harbinger, pratilipi.com, dawr iter.com, नजरिया नाउ, दैनिक नवज्योति, एबेकार पत्रिका, सच का हौसला दैनिक पत्र, सिन्धु पत्रिका, वी विटनेस, नवल, सृजन सरोकार आदि में रचनाएँ प्रकाशित
सादर,
डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी
No comments:
Post a Comment