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बिखरता आत्मविश्वास Bikharta atmavishvas

बिखरता आत्मविश्वास

एकलव्य "सी लगन है तुममें,
तब कौन रोक सकेगा तुमको?
"भीष्म "के जैसे दृढ़ प्रतिज्ञ तुम,
तब कौन डिगा सकेगा तुमको?
"लक्ष्य प्राप्ति" जब लक्ष्य तुम्हारा,
तब बाधाएं रोके क्या तुमको?
यदि "स्वयं "पर है पूर्ण भरोसा,
तब किस बात का डर है तुमको?
                                 कल्पना सिंह
अंतः स्थल में आत्मविश्वास जागृत करती उपरोक्त पंक्तियों को समझने और आत्मसात करने की सभी को महती आवश्यकता है विशेषकर वर्तमान युवा पीढ़ी को। भौतिकवादी, तकनीकी युग की मशीनी जीवनशैली से ओतप्रोत आज के अधिकांश युवा धीरे धीरे अपना धैर्य और आत्मविश्वास खोते जा रहे हैं। वे" काम न कर पाने" और "न करने "के अंतर को पहचानने में स्वयं को अक्षम पाते हैं। समय से पूर्व बहुत कुछ पा लेने की चाह ,उत्कृष्ट शिक्षा ,सुनहरे भविष्य की चिंता, स्वयं को सिद्ध करने की लालसा जैसे अनेकानेक दबाव को कुछ तो बड़ी सरलता व सूझबूझ से सार्थक प्रयास द्वारा झेल जाते हैं किंतु अधिकांश शीघ्र ही अपने आपका भरोसा खो देते हैं। उन्हें स्वयं द्वारा निर्धारित लक्ष्य असंभव प्रतीत होने लगता है फलस्वरूप वह अपने मूल लक्ष्य से भटक कर कुसमायोजित हो जाते हैं। हताशा के शिकार होकर स्वयं को आघात पहुंचाने (आत्महत्या) का प्रयास करते हैं अथवा उन गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं जो सामाजिक नैतिक व्यवस्था की दृष्टि से सर्वथा अनुचित है। आत्मविश्वास के अभाव में कभी-कभी वे अवसाद की स्थिति में मानसिक संतुलन खो बैठते हैं।
"संसार के सारे युद्धों में इतने लोग नहीं हारते जितने कि सिर्फ घबराहट से।"इमर्सन का यह कथन स्वयं ही आत्मविश्वास के महत्व को चरितार्थ करता है।मनोवैज्ञानिकों एवम् चिकित्सकों के अनुसार दृढ़ इच्छा शक्ति व आत्मविश्वास के बल पर कठिन से कठिन परिस्थितियों से भी उबरा जा सकता है।अतः प्रतिकूल परिस्थितियों में इस तथ्य को समझना होगा कि सृष्टि के प्रत्येक जीव में कुछ न कुछ ऐसी विशेषता होती है जो उसे एक अलग पहचान प्रदान करती है आवश्यकता है तो केवल उसे पहचान कर उसका परिमार्जन करने की। आत्मविश्वास व्यक्ति के अंदर ही निहित रहता है यह एक मानसिक शक्ति है जो कार्य में सफलता दिलाती है और आत्मरक्षा में सहायक होती है ।कला ,व्यवसाय, क्रीडा, चिकित्सा, लेखन आदि ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें सफलता के शिखर तक पहुंचा जा सकता है ।अपने व्यक्तित्व, रुचि, प्रतिभा के अनुरूप क्षेत्र का चयन कर सकारात्मक सोच तथा आत्मविश्वास के साथ पूर्ण मनोयोग से प्रयास करके निश्चित ही सफलता प्राप्त की जा सकती है।


प्रेषक:कल्पना सिंह
पता:आदर्श नगर ,बरा, रीवा ( मध्यप्रदेश)

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