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शिक्षकों ने छात्रों एवं भामाशाहों की मदद से विद्यालय में विकसित की वाटिका Shikshko or chhaatro ne vidyalaya me viksit kiya vatika

शिक्षकों ने छात्रों एवं भामाशाहों की मदद से विद्यालय में  विकसित की वाटिका

              राजस्थान का नाम आते ही , थार के मरुस्थल का जिक्र न हो । ये भला कैसे हो सकता है । रेगिस्तान के तपते रेतीले धोरे, लू के थपेड़े और रेत का बवण्डर , और पानी की कमी ये सबकुछ मानो आम बात है । विशेषकर पश्चिमी राजस्थान के जिलें बाड़मेर -जैसलमेर जो पाकिस्तान की सीमा से लगते है, यहाँ बारिश कम मात्रा में होती है । सुदूर छितराई ढाणियों की बसावट के कारण पेयजल की भी समस्या है । इन सब विपरीत हालातों के बीच भी शिक्षकों ने समर्पण भाव से विद्यालय में वाटिका की स्थापना कर ब्लॉक ही नही जिला स्तर पर भी मिशाल कायम की है ।

रेगिस्तान में जंहा आक ,कैर, और नीम जैसी ही वनस्पति नजर आती है वो भी बहुत ही छितरी हुई हैं । क्योंकि प्रतिकूल प्राकृतिक पर्यावरण, रेत का समुन्द्र  और पानी का  अभाव । इन्ही विकट परिस्थितियों में एक ऐसा नजारा भी देखने को मिलता है बाड़मेर जिले के शिव ब्लॉक की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नाईयो दर्जियों की ढाणी ग्राम पंचायत बलाई में जंहा न केवल वनस्पति की विविधता देखने को मिलती है बल्कि वनस्पति की सघनता भी इतनी है कि दूर से दृश्य किसी बगीचे से कम नजर नही आता है ।  ये सब कुछ सम्भव हुआ है विद्यालय में नामांकित 141 बच्चों  व 6 अध्यापकगणो के अथक प्रयास से। विद्यालय की परिस्थितिया इतनी प्रतिकूल है कि आज भी गावँ  में जाने हेतु सड़क मार्ग कच्चा है । गावँ में 2 सरकारी ट्यूबवेल होते हुये भी एक बूँद भी पानी विद्यालय में नहीं पहुंचता है।

ऐसी परिस्थितियों में लगभग 30  विभिन्न प्रजातियों के छायादार फल फूलदार  औषधीय पौधे व लताएं लहलहा रही हैं तो उसमें सबसे बड़ा सहयोग समाजसेवी श्री अभय सिंह राठौड़ (एडवोकेट) का रहा है जो अपने खेत मे लगे ट्यूबवेल से विद्यालय को जरूरत के समय पानी उपलब्ध करवा रहे है विद्यालय में सघन पौधरोपण अगस्त 2018 से किया जा रहा है जिसमे कुछ विशेष प्रजाति के पौधे जैसे गूगल,रुद्राक्ष, अमलतास, गुलमोहर, कचनार, अंजीर, ढाक, चमेली, मोगरा,युकलेटिप्स, स्यामकेसिया,शहतूत, अर्जुन,जामुन,पीपल, बरगद, ट्रेकोंमा आदि पेड़ो ने विद्यालय को वाटिका का रूप दे दिया है।

इसके अलावा स्थानीय वृक्षो की प्रजातियों सहित विद्यालय में लगभग 200 पौधे पनप रहे है पौधों को जलापूर्ति हेतु बूँद- बूँद सिंचाई पद्धति को अपनाया है जो अपने आप मे अनूठी पहल है विद्यालय में संघन वृक्षारोपण का बीड़ा अध्यापक  कमलेश कुमार ने उठाया था और इस कार्यक्रम में अन्य साथी अध्यापक  संदीप कुमार व रघुवीर सिंह , रोहिताश एवं अशोक कुमार बलाई ,रेवंत सिंह राठौड़ सहित 6 सदस्यी अध्यापक टीम व बच्चों के प्रत्यक्ष -अप्रत्यक्ष सहयोग से आज विद्यालय प्रांगण इतना खूबसूरत बना है जिसका सौंदर्य देखते ही बनता है । ब्लॉक के मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारका प्रसाद शर्मा के निर्देशन में अन्य विद्यालयों में भी हरित राजस्थान अभियान के तहत सघन वृक्षारोपण किया जा रहा हैं । अब लॉकडाउन में भी शिक्षक पेड़-पौधों की देखरेख, ऑनलाइन शिक्षा एवं कोरोना की जंग में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं ।

साभार
बाड़मेर ( राजस्थान ) से कैलाश गर्ग रातड़ी की रिपोर्ट

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