Sachchidanand hiranand vatsyayan agyey ka jivan parichay
Agyey ka jivan parichay
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय’ का जीवन परिचय
जन्म :- 7 मार्च कुशीनगर
मृत्य :- 4 अप्रैल 1987 दिल्ली
अज्ञेय का जन्म 7 मार्च, 1911ई को कुशीनगर के कसवा में हुआ था। अज्ञेय के पिता का नाम हीरानंद वात्स्यायन था। ‘अज्ञेय’ का बचपन लखनऊ, श्रीनगर और जम्मू में व्यतीत हुआ। उन्होंने सन् 1929 ई. में पंजाब विश्वविद्यालय से बी.एस-सी. की परीक्षा पास की, किन्तु बाद में साहित्य में रुचि होने के कारण अंग्रेजी विषय में एम. ए. करने की ठानी। अंग्रेजी में एम. ए. करते समय क्रांतिकारी आंदोलन में कूद पड़े। सन् 1930 ई. के अंत में पकड़े गए। स्वतंत्रता आंदोलन के चक्कर में कई बार जेल जाना पड़ा। उन्होंने अपने जीवन में सेना सहित अनेक नौकरियाँ कीं।
अज्ञेय’ जी को घूमने का बड़ा शौक था। उन्होंने देश-विदेश का यात्रा किया। सैनिक, विशाल भारत, प्रतीक, दिनमान, नवभारत टाइम्स एवं नया प्रतीक आदि पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन कार्य भी किया। 4 अप्रैल, 1987 ई. को नई दिल्ली में उनका देहान्त हो गया।
अज्ञेय की प्रमुख रचनाएं
Agyey ka jivan parichay
काव्य संग्रह :- भग्नदूत 1933, चिन्ता 1942, इत्यलम्1946, हरी घास पर क्षण भर 1949, बावरा अहेरी 1954, इन्द्रधनुष रौंदे हुये ये 1957, अरी ओ करुणा प्रभामय 1959, आँगन के पार द्वार 1961, कितनी नावों में कितनी बार (1967), क्योंकि मैं उसे जानता हूँ (1970), सागर मुद्रा (1970), पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ (1974), महावृक्ष के नीचे (1977), नदी की बाँक पर छाया (1981), प्रिज़न डेज़ एण्ड अदर पोयम्स (अंग्रेजी में, 1946)
कहानियाँ:- विपथगा 1937, परम्परा 1944, कोठरी की बात 1945, शरणार्थी 1948, जयदोल 1951
उपन्यास:-शेखर एक जीवनी- प्रथम भाग(उत्थान)1941, द्वितीय भाग(संघर्ष)1944, नदी के द्वीप 1951, अपने अपने अजनबी 1961 ।
यात्रा वृतान्त:- अरे यायावर रहेगा याद? 1953,एक बूँद सहसा उछली 1960।
निबंध संग्रह : सबरंग, त्रिशंकु, आत्मनेपद, आधुनिक साहित्य: एक आधुनिक परिदृश्य, आलवाल।
आलोचना:- त्रिशंकु 1945, आत्मनेपद 1960, भवन्ती 1971, अद्यतन 1971 ई.
संस्मरण: स्मृति लेखा
डायरियां: भवंती, अंतरा और शाश्वती।
विचार गद्य: संवत्सर
नाटक: उत्तरप्रियदर्शी
जीवनी: रामकमल राय द्वारा लिखित शिखर से सागर तक
अज्ञेय द्वारा संपादित ग्रंथ
Agyey के sampadit granth
आधुनिक हिन्दी साहित्य (निबन्ध संग्रह)1942, तार सप्तक (कविता संग्रह) 1943, दूसरा सप्तक (कविता संग्रह)1951, तीसरा सप्तक (कविता संग्रह), सम्पूर्ण 1959, नये एकांकी 1952, रूपांबरा 1960
अज्ञेय द्वारा पत्र पत्रिकाओं का सम्पादन
Agyey or patr patrika ka sampadan
तारसप्तक, दूसरा सप्तक और तीसरा सप्तक जैसे युगांतरकारी काव्य संकलनों का भी संपादन किया। अज्ञेय आधुनिक साहित्य के एक शलाका-पुरूष थे जिसने हिंदी साहित्य को एक मुकाम पर पहुँचाया और एक नए युग प्रयोगवाद का प्रवर्तन किया।
अज्ञेय को प्राप्त पुरस्कार एवं सम्मान
अज्ञेय जी को साहित्य के क्षेत्र में प्रसिद्ध पुरस्कार अकादमी और ज्ञान पीठ दोनों पुरस्कार प्राप्त है।
No comments:
Post a Comment