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sherashah Banda jila कविता- अपना बाँदा

 कविता - अपना बाँदा

धरती  ऋषि  बाम  देव की,
केन   नदी   का   है  घाट!
यमुना  भी  बहती   यहाँ,
है नवाब  टैंक का ठाट !

दुर्ग अजेय कालिंजर का,
ब्लॉक  है  जिसमे  आठ!

पंच  तहसीलों से जो घिरा,
बुंदेलखंड का है ये भाग!
सात  सौ  इकसठ  गाँव,
खेत - खिलहान और बाग!
शांति- सौहार्द मुहब्ब्त यहाँ ,
कौमी तरानों की बहे राग!

महान साहित्यकारों की तपोभूमि,
पद्माकर,केदारनाथ,नरेंद्र नाम!
विश्व प्रसिद्ध पत्थर यहाँ,
होता शजर का काम !
काली कपास की मिट्टी भी,
आती खेती के बहुत काम!

हिंदी, बुंदेली बोली यहाँ पे,
यहाँ की बात कभी न काट।

बाम्बेश्वर-महेश्वरी मंदिर,
है भूरागढ़ में किला!
जामा मस्जिद विशाल सी
यहाँ सबका दिल मिला!
जहाँ शेर शाह शूरी दफ़न,
है वो ये बाँदा जिला!

-आकिब जावेद
बाँदा,उत्तर प्रदेश

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