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मातृभूमि के प्रति/matribhumi ke prati/देश भक्ति कविता

 "मातृभूमि के प्रति"


पशु तुल्य हैं वो लोग जो कहें -

           "मातृभूमि पे हमारे एहसान हैं"


आदमी हैं वो लोग जो कहें -

            "मातृभूमि के हम पर एहसान हैं"


इंसान हैं वो लोग जो कहें -

      "मातृभूमि पे मिटने हेतु हमारे अरमान हैं


महान हैं वो सैनिक,

    मातृभूमि के प्रति जिनके जीवन बलिदान हैं।


अति महान हैं वो माता पिता,

      जिनके बेटों के शहीदों में नाम हैं ।


महानतम हैं वो नारियां,

        जिनके आंसू सूख चुके हैं और जिनके सुहाग का शहीदों की सूची में नाम है ।।


कवि

मुकेश भटनागर"आवाज़",वैशालीनगर,भिलाई

93290 07369

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