कश्मीरी सच
कश्मीर फाइल इतिहास के उस काला सच का आईना है जिसे कांग्रेस की सरकार ने कश्मीरी पंडितों के उस दर्द को छिपाने का कुत्सित प्रयास किया, पर सच्चाई पर ज्यादा दिनों तक पर्दा नहीं डाला जा सकता है।
90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ जो कुछ हुआ उसे जुल्म की पराकाष्ठा ही कहा जा सकता है। वही मुगलकालीन इतिहास की क्रूरता सीमा तोड़ रही थी....। सरकार, कोर्ट, मिडिया व तमाम बुद्धिजीवि वर्गउनका समर्थन तो दूर सिर्फ व सिर्फ तामाशविन बने हुए थे।
कांग्रेस की सरकार से कुछ ज्यादा आशा करना ही बेईमानी होगा। आजादी के बाद से ही इसने हिंदू संस्कृति व इतिहास पर कुठराघाट करने का प्रयास किया है। 2011 का सांप्रदायिक हिंसा विल उसी घृणित सोच का कड़ी था हालांकि यह विल भारी आपत्ति के कारण संसद में पास न हो सका। लेकिन सरकार की पक्षपातीय मंशा जाहिर हो चुका था। रोंगटे खड़े करने वाले यह काला कानून का ड्राफ्टिंग को गूगल में सर्च कर देखा जा सकता है।
द कश्मीर फाइल के माध्यम से बहुसंख्यक हिंदू आवादी को एक सिख लेने की जरूरत है की अब भी हम सचेत नहीं हुए तो आने वाले वह क्रूर व भयावह पल का जिम्मेवार सिर्फ व सिर्फ हम होंगें....।
संदीप कुमार
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