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महिला काव्य मंच mahila kavy goshthi

 महिला काव्य मंच

महिला काव्य मंच (रजि.)उत्तर प्रदेश (मध्य )की लखनऊ इकाई की मासिक काव्य गोष्ठी का आज दिनांक 30-3-2022 को गूगल मीट के माध्यम से आयोजन किया गया ।

महिला काव्य गोष्ठी


गोष्ठी डॉ रीना श्रीवास्तव जी की अध्यक्षता एवं संयोजन में संपन्न हुई।गोष्ठी में मुख्य अतिथि रहीं डॉ राजेश कुमारी जी (अध्यक्ष -महिला काव्य मंच उत्तर प्रदेश इकाई मध्य) तथा विशिष्ट अतिथि रहीं डॉ कमलेश शुक्ला (सचिव -महिला  काव्य मंच) ।सर्वप्रथम मुख्य अतिथि डॉ राजेश कुमारी जी'ने दुनिया में सब युद्ध टल जाए'सुनाकर काव्य - संध्या का शानदार आगाज किया।कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए क्रमशः डॉ शोभा बाजपेई ने 'आओ कर लें कुछ प्यार की बातें',डॉ अनुराधा पान्डेय ने 'ये कैसी हवा चली है',डॉ सुधा मिश्रा ने कई पन्ने किताब ए जिंदगी के',श्रीमती स्नेहलता जी ने 'जोड़ जोड़ कर तिनका तिनका',डॉ रेखा गुप्ता ने अपने गीत'हम तुमसे मौहब्बत की' सुनाया।डॉ कालिंदी पांडे ने'धूप छांव शहर गाँव',डॉ कीर्ति श्रीवास्तव ने ' आज कुछ बीते दिनों की याद आ गयी',अंजू'लखनवी' ने'अम्बे माँ' की स्तुति की, बीना श्रीवास्तव ने जलाओ होलिका पर ध्यान रहे',अर्चना पाल ने' वो शक्ति स्वरुपा मैत्री है'कविता के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किये।साधना मिश्रा'लखनवी'जी ने ना करना उपहास',नीरजा शुक्ला'नीरू'जी ने 'जिसे अपना समझता था'सुना कर शमां बांधा।डॉ मधु मिश्रा जी ने 'तोता और तोती में संवाद',मनीषा श्रीवास्तव जी ने'फ़कीरी में निकल', डॉ पूनम सिंह ने'जीवन के रंग',डॉ शोभा त्रिपाठी ने'मुफलिस तो बस रोटी चाहे'व डॉ कमलेश शुक्ला कीर्ति ने'गुजारिश है तुमसे'के माध्यम से अपने विचारों को साझा किया।चंद्रा गुरुरानी ने अपनी कविता 'साथी निभाना साथ'का पाठ किया।दिव्यांशी शुक्ला ने अपनी कविता'मैं चाहता हूँ',प्रियंका बिष्ट ने'मेरे सिर की कसम' एवं शालिनी त्रिपाठी ने अपनी कविता'मां पापा का प्यार निराला सुनाकर कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की और अंत में डॉ रीना श्रीवास्तव जी ने अपनी कविता' मन के हारे हार है,मन के जीते जीत ' के साथ गोष्ठी का समापन किया।कार्यक्रम का बहुत ही कुशलतापूर्वक एवं प्रभावशाली संचालन करते हुए डॉ रीना श्रीवास्तव ने सभी कवयित्रियों का आभार व्यक्त किया तथा सर्वे भवन्तु सुखिना,सर्वे संतु निरामया के संदेश के साथ कार्यक्रम को विराम दिया।

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