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सादगीपूर्ण ईद मनाने की अपील" saadgipurn ईद manane ki apeal

सादगीपूर्ण ईद मनाने की अपील"

                ईद उल -फितर मुसलमान रमजान उल - मुबारक के एक महीने के बाद एक मजहबी खुशी का त्यौहार मनाते हैं । जिसे ईद उल- फित्र कहा जाता है यह यम्क  सवाल अल मुकर्रम  को मनाया जाता हैँ। ईद उल फित्र  इस्लामी कैलेंडर के दसवें महीने शवाल के पहले दिन मनाया जाता है।
इस्लाम में ईद का दिन बहुत ही खुशी का दिन माना गया है । ईद के दिन बंदे न केवल अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं बल्कि वह अपने और अपने करीबी लोगों के लिए अल्लाह से दुआ भी करते हैं एक इस्लामिक कैलेंडर में दो बार ईद मनाई जाती है ईद उल फितर और ईद उल अजहा ।

ईद-उल-फितर का दिन पवित्र रमजान माह के बाद आता है जब सभी लोग पूरे माह रमजान के रोजे रखने के बाद अल्लाह से दुआ करते हैं।।
ईद पर मैं तो समस्त देश वासियों को कहना चाहता हूं कि सरकार की अडवाइजरी की पालना करे नमाज ईदगाह के बजाय घर पर ही अदा करे। ईद को सादगी से मनाए। बाज़ार में खरददारी न करें।ईद पर ख़र्च करने वाली रकम से गरीब असहाय लोगों की मदद करे। अपने पड़ोस में रहने वाले लोग किसी भी जाति का क्यो न हो जिनके पास खाने पीने की सामग्री नहीं हो उसका विशेष ध्यान रखें। ईद पर ख़र्च करने वाली रकम उनपर ख़र्च करें। जकात की राशि भी उन गरीब लोगो मैं बांट दिया जाये ताकि कोई भी व्यक्ति अपने पड़ोस में भूखा न सोये। अपनी ईद सबकी ईद हो। इस पवित्र महीने के सदके मैं अल्लाह से दुआ मांगता हूं कि हिंदुस्तान की आवाम को इस महामारी से महफूज रखे। हिंदुस्तान की आवाम खुशहाल हो।दिनदुनी रात चौगुनी तरक्की करे।

लेखक
रजमान खान चक नेगरड़ा
शिक्षक
उपखण्ड - शिव, जिला- बाड़मेर ( राजस्थान )
न्यूज साभार
कैलाश गर्ग रातड़ी

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