विधा :- हाइकु
विषय :- चाँद
चाँद
सुनो बात ये
देखो आज रात में
हो मुलाक़ात
वह चाँद से
दिन न रात लाती
वे बतलाती
रहो शीतल
जैसे रहते जल
बुझा रे प्यास
चल वे यार
कर रोशन पार
दिन ये चार
मैं बीताकर
जीवन जीतकर
जाऊंगा मर
यही बताती
चाँद हर रात में
चलना कल
आज तू रह
जो कुछ करना है
जल्दी तो कर
रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
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