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खुली बाज़ार khuli bazar

खुली बाज़ार

देखकर आज की प्रात: काल ,
आई मन में कई विचार ।
खुला दुकान खुली बाज़ार ,
चल अब रोशन शुरू कर व्यापार ।।

नुकसान पहुंचा, उसे भरने के लिए हो तैयार ,
फिर भारत को चमकाये, हम सब यहां के लाल ।
सावधानी से खोले दुकान दुकानदार ,
करें न बेईमानी, बढ़ाए मान ईमानदार ।‌।

ताकि हम बढ़े और बढ़े हमारा देश ,
आज फिर कई महीनों बाद हुआ है
,काम काजों में प्रवेश ।
माक्स लगाकर घर से निकालें अपना वेश ,
बढ़े हमारी आमदनी और हो कोरोना का शेष ।।


  रोशन कुमार झा 
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत

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