उजास दिनभर खालीपन से ऊब कर,शाम ने आखिर करवट बदल ली,रात ले आयी तिमिर !जिसमें था ;डर, भय,निराशा,सुबह लेकर फिर आयी,उम्मीद,आशा,हौसला,जीवन मेंहोगा पुनःउजास!-आकिब जावेद बाँदा,उत्तर प्रदेश
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