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आज के हालातों में जुड़े विषय प्रकृति और मानव का संबंध ममतामयी धरती और भटके लोग

   आज के हालातों में जुड़े विषय प्रकृति  और मानव का संबंध ममतामयी धरती और भटके लोग 

मानव तथा प्रकृति का हमेशा से चोली -दामन का साथ रहा है। प्रकृति मानव की चिर संगिनी रही है । यह  सर्वमान्य सत्य है कि मानव प्रकृति का सहचर
 और शिशु है । मानव जन्म से लेकर प्रकृति की ममतामयी गोद में खेल कर बड़ा हुआ है ।उसे नदियों ने झरनों ने
 जलपान कराया,  पेड़ों ने मीठे- मीठे फलों का रसास्वादन कराया । पक्षियों ने गीत सुनाये । वायुमंडल में ऑक्सीजन प्रदान की । फूलों ने मानव को हंसना सिखाया तो भौरों ने गुनगुन करना सिखाया ।वहीं प्रकृति से मानव को पर हित के कार्य करने के लिए प्रेरित किया ।
 वहीं दूसरी ओर शीतल, मंद,और सुगंधित बयार ने मानव में स्फूर्ति का संचार प्रदान किया। इस प्रकार मानव प्रकृति के पेड़-पौधों जड़ों -तनों,
 फल- फूलों, जड़ी- बूटियों और पत्तियों की सहायता से अपने जीवन की रक्षा अनवरत करता आ रहा है । अतः मानव व प्रकृति का अनंत काल से घनिष्ठ और कभी न अलग होने वाला संबंध रहा है। संक्षेप में कहा जा सकता है कि मानव प्रकृति का  सहचर तथा शिशु रहा है, जिसका पोषण  मां की  भांति
 पृथ्वी सदा से करती आ रही है ।
जिस प्रकार मानव प्रकृति का सानिध्य पाकर पुष्ट होता है, उसी प्रकार प्रकृति भी मानव करों द्वारा पुष्ट होती है, उसके स्नेह व कृपा का भाजन बन कर अपना जीवन मूल्य धन्य कर लेती है । मानव प्रकृति के विभिन्न उपकरणों को अनेक प्रकार से सजाता,  संवारता  तथा उनका लालन पालन करता है । पौधों तथा फल वृक्षों का  रोपण करना, पशु- पक्षियों को पालना तथा उनकी रक्षा करना । उसकी इसी जन्मजात प्रवृत्ति का परिचायक है। अपने द्वारा रोपित वृक्षों तथा पशु -पक्षियों के प्रति उसके दिल में वही ममतामयी स्नेह होता है। जो मां के दिल में शिशु के प्रति पाया जाता है।
 लेकिन आधुनिक युग की अंधा-धुंध दौड़ में आज का मानव प्रकृति और अपने संबंधों को भूल गया है । वृक्षों की अनाप-शनाप कटाई ,मोटर वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण,कारखानों से निकलने वाला प्रदूषण, और अनेक प्रकार से मानव ने प्रकृति को विनाश की ओर अग्रसर किया है।
इसलिए पर्यावरण संतुलन के लिए नितांत आवश्यक है कि हम मानव प्राकृतिक संसाधनों का उचित दोहन करें और उसकी रक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर ममतामयी धरा को बचाने का प्रयास करें ।
 अब्दुल कलीम खाँ दायरा (अध्यापक) 
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सेवली खंडेला
 जिला सीकर राजस्थान 

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