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भारतीय रेल की 167 वां वर्षगांठ.. bhartiya railway ki 167th varshgaath

भारतीय रेल की 167 वां वर्षगांठ..

16 अप्रैल 1853 की बात है ,
भारतीय रेल की आज 167 वां वर्षगांठ है ,
इसके जनक जार्ज स्टीफेन्सन  और जेम्सवाट है,
क्या कहूं मैं रोशन कोरोना के कारण भारतीय रेल
आज न हमारी साथ है !
इसमें रेल का दोष नहीं ,
वह दुष्ट चीन देश हमारा पड़ोस नहीं !
उस पर दुनिया ख़ामोश नहीं ,
जिंदा है,जिन्दा रहेंगे....
हे चीन तुम्हारे जैसा हम भारतीय बेहोश नहीं !
अपना भारतीय रेल पहले मुंबई से थाणे चलीं ,
फिर हावड़ा से कमाने हुगली !
हम तो हम मुसीबत में है ज़माने खड़ी ,
हम तो पूजा पाठ ही कर सकते हैं
मानव जाति को बचाने के लिए जानें हरि !
बचायें दुनिया को साथ में हम भारतीय बचूं और बचे
भारत मां की हरियाली ,
हे ईश्वर खुदा मसीहा बंगाल से विनती
कर रहा हूं मैं बिहारी !
हें प्रभु! बात सुन लो रेल मंत्री पीयूष
गोयल की और हमारी,
आज भारतीय रेल की 167 वां वर्षगांठ है
आज की तरह कभी बंद हो न हमारे देश की रेलगाड़ी !

        रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता

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