1900 से 2000 तक के महत्वपूर्ण काव्य
सन् 1909 ई०चित्राधार, प्रेमराज्य, उर्वशी (काव्य) - प्रसाद
सन् 1910 ई०
शोकोच्छवास, अयोध्या का उद्धार (काव्य) - प्रसाद
सन् 1911 ई०
वभ्रुवाहन (काव्य) प्रसाद
सन् 1912 ई०
भारत भारती(काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
जार्ज वंदना (काव्य) -श्रीधर पाठक
सन् 1913 ई०
कानन कुसुम, प्रेमपथिक (काव्य) - प्रसाद
सन् 1914 ई०
प्रिय प्रवास(काव्य) - हरिऔध
सन् 1915 ई०
देहरादून(काव्य) - श्रीधर पाठक
सन् 1916 ई०
जूही की कली (काव्य) - निराला की प्रथम कविता
सन् 1917 ई०
मिलन (काव्य) - रामनरेश त्रिपाठी
सन् 1918 ई०
झरना (काव्य) - जयशंकर प्रसाद
सन् 1920 ई०
उच्छवास, ग्रंथि (काव्य) - पंत
पथिक ( काव्य) - रामनेश त्रिपाठी
सन् 1923 ई०
अनामिका (काव्य) - निराला
शकुंतला ( काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
सन् 1924 ई०
पूर्वादल (काव्य) - सियारामशरण गुप्त
सन् 1925 ई०
आँसू (काव्य) - जयशंकर प्रसाद
पंचवटी ( काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
सन् 1927 ई०
मानसी (काव्य) - रामनरेश त्रिपाठी
गंगावतरण ( काव्य) - जगन्नाथ दास रत्नाकर
वीणा ( काव्य) - पंत
आद्रा ( काव्य) - सियाराम शरण गुप्त
हिन्दू ( काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
सन् 1928 ई०
पल्लव (काव्य) - सुमित्रानदंन पंत
सन् 1929 ई०
विकट भट्ट (काव्य)- मैथिली शरण गुप्त
स्वप्न (काव्य) - रामनरेश त्रिपाठी
उद्धव शतक ( काव्य) - जगन्नाथ दास रत्नाकर
सन् 1930 ई०
परिमल (काव्य)- निराला
निहार ( काव्य) - महादेवी वर्मा
सन् 1931 ई०
साकेत (काव्य)- मैथिलीशरण गुप्त
आत्मोत्सर्ग (काव्य) - सियारामशरण गुप्त
सन् 1932 ई०
रश्मि (काव्य)- महादेवी वर्मा
गुंजन ( काव्य) - पंत
यशोधरा (काव्य) - गुप्त
सन् 1933 ई०
लहर (काव्य)- प्रसाद
यशोधरा ( काव्य)- हरिऔध
भग्नदूत ( काव्य) - अज्ञेय
सन् 1935 ई०
कामायनी (काव्य)- प्रसाद
मधुशाला (काव्य)- बच्चन
रेणुका (काव्य) - दिनकर
नीरजा (काव्य) - महादेवी वर्मा
सरोज-स्मृति (शोकगीत) - निराला
फूल- पत्ते (कविता)- हरिऔध
सन् 1936 ई०
(काव्य)
यूगांत - सुमित्रानन्दन पंत
द्वापर — गुप्त
सांध्यगीत - महादेवी वर्मा
मधुबाला - बच्चन
कुमकुम - बालकृष्ण शर्मा नवीन
मृण्मयी - सियारामशरण गुप्त
विसर्जन - उदयशंकर भट्ट
सन् 1937 ई०
मधुकलश (काव्य)- बच्चन
पारिजात, कल्पलता (काव्य) - हरिऔध
सन् 1938 ई०
निशा निमंत्रण (काव्य) - बच्चन
हुँकार (काव्य) - दिनकर
ग्रामगीत (काव्य)- हरिऔध
तुलसीदास (काव्य) - निराला
सन् 1940 ई०
वैदेही वनवास(काव्य) - हरिऔध
यामा (काव्य) - महादेवी वर्मा
रसवंती, द्वंद्वगीत (काव्य)- दिनकर
ग्राम्या (काव्य)- पंत
सन् 1941 ई०
विषपान (काव्य)- सोहनलाल द्विवेदी
सन् 1942 ई०
कुणालगीत (काव्य)- गुप्त
करील (काव्य) - रामेश्वर शुक्ल अंचल
दीपशिखा (काव्य) - महादेवी वर्मा
सन् 1943 ई०
अणिमा (काव्य)- निराला
हिमकिरीटिनी (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
आकुल अंतर (काव्य) - बच्चन
सन् 1944 ई०
अजेय खंडहर (काव्य)- रांगेय राघव
लाल चूनर (काव्य) - रामेश्वर शुक्ल अंचल
सन् 1945 ई०
सतरंगिणी (काव्य)- बच्चन
धरती (काव्य) - त्रिलोचन
सन् 1946 ई०
यशोधरा, कुरुक्षेत्र,सामधेनी(काव्य)- दिनकर
इत्यलम् (काव्य) - अज्ञेय
हलाहल, बंगाल का अकाल(काव्य)- बच्चन
सन् 1947 ई०
स्वर्णकिरण, स्वर्णधूलि(काव्य)- पंत
नींद के बादल, युग की गंगा(काव्य)- केदारनाथ अग्रवाल
सन् 1948 ई०
युगांतर, युगपथ (काव्य)- पंत
कुक्कुरमुत्ता (काव्य)- निराला
खादी के फूल, सूत की माला(काव्य)- बच्चन
सन् 1949 ई०
हरि घास पर क्षणभर (काव्य)- अज्ञेय
हिमतरंगिणी (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
सन् 1950 ई०
मिलन यामिनी (काव्य)- सच्चन
प्रदक्षिणा (काव्य)- गुप्त
सन् 1951 ई०
रजत शिखर (काव्य)- पंत
धूप और धूँआ (काव्य)- दिनकर
माता, समर्पण (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
सन् 1952 ई०
रश्मिरथी (काव्य)- दिनकर
जयभारत (काव्य)- गुप्त
ठंडा लोहा(काव्य)- धर्मवीर भारती
क्वासी (काव्य)- बालकृष्ण शर्मा नवीन
सन् 1953 ई०
.युगधारा (काव्य)- नागार्जुन
आराधना (काव्य)- निराला
सन् 1954 ई०
बावरा अहेरी (काव्य)- अज्ञेय
वर्षान्त के बादल (काव्य)- रामेश्वर शुक्ल अंचल
नील कुसुम (काव्य)- दिनकर
गीतकुंज(काव्य)- निराला
सन् 1955 ई०
अतिमा (काव्य)- पंत
प्रणय-पत्रिका (काव्य)- बच्चन
सन् 1956 ई०
युगचरण (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
सन् 1957 ई०
इन्द्रधनुष रौंदे हुए ये (काव्य)- अज्ञेय
विष्णुप्रिया (काव्य)- गुप्त
वाप्पी (काव्य)- पंत
सन् 1959 ई०
कला और बुढ़ा चान्द, चिदम्बरा (काव्य)- पंत
सत्तरंगें पंखों वाली (काव्य)- नागार्जुन
अरी! ओ करुणा प्रभामयी (काव्य)- अज्ञेय
कुछ कविताएँ (काव्य)- शमसेर बहादूरसिंह
सन् 1960 ई०
वेणु लौ गूंजे धरा (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
सप्तपर्णा (काव्य) - महादेवी वर्मा
अभी बिलकुल अभी (काव्य)- केदारनाथ सिंह
सन् 1961 ई०
कुछ और कविताएँ (काव्य)- शमशेर बहादूर सिंह
आँगन के पार द्वार (काव्य)- अज्ञेय
उर्वशी (काव्य)- दिनकर
त्रिभंगिमा (काव्य)- बच्चन
सन् 1962 ई०
प्यासी पथराई आँखें (काव्य)- नागार्जुन
चार खेमें चौंसठ खूंटे (काव्य)- बच्चन
संशय की एक रात (काव्य)- नरेश मेहता
सन् 1963 ई०
परशुराम की प्रतीक्षा(काव्य)- दिनकर
आवाजों के घेरे (काव्य)- दुष्यंत कुमार
सन् 1964 ई०
लोकायतन (काव्य)- पंत
बिजुली काजल आँच रही (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
चान्द का मुँह टेढ़ा है (काव्य)- मुक्तिबोध
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