कलम लाइव पत्रिका

ईमेल:- kalamlivepatrika@gmail.com

Sponsor

1900 से 2000 tak ke mahtvpurn kavya or kavitayen सभी महत्वपूर्ण काव्य और कविताएं कौन सी हैं

1900 से 2000 तक के महत्वपूर्ण काव्य 

सन् 1909 ई०
चित्राधार, प्रेमराज्य, उर्वशी (काव्य) - प्रसाद
सन् 1910 ई०
शोकोच्छवास, अयोध्या का उद्धार (काव्य) - प्रसाद
सन् 1911 ई०
वभ्रुवाहन (काव्य) प्रसाद
सन् 1912 ई०
भारत भारती(काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
जार्ज वंदना (काव्य) -श्रीधर पाठक
सन् 1913 ई०
कानन कुसुम, प्रेमपथिक (काव्य) - प्रसाद
सन् 1914 ई०
प्रिय प्रवास(काव्य) - हरिऔध
सन् 1915 ई०
देहरादून(काव्य) - श्रीधर पाठक
सन् 1916 ई०
जूही की कली (काव्य) - निराला की प्रथम कविता
सन् 1917 ई०
मिलन (काव्य) - रामनरेश त्रिपाठी
सन् 1918 ई०
झरना (काव्य) - जयशंकर प्रसाद
सन् 1920 ई०
उच्छवास, ग्रंथि (काव्य) - पंत
पथिक ( काव्य) - रामनेश त्रिपाठी
सन् 1923 ई०
अनामिका (काव्य) - निराला
शकुंतला ( काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
सन् 1924 ई०
पूर्वादल (काव्य) - सियारामशरण गुप्त
सन् 1925 ई०
आँसू (काव्य) - जयशंकर प्रसाद
पंचवटी ( काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
सन् 1927 ई०
मानसी (काव्य) - रामनरेश त्रिपाठी
गंगावतरण ( काव्य) - जगन्नाथ दास रत्नाकर
वीणा ( काव्य) - पंत
आद्रा ( काव्य) - सियाराम शरण गुप्त
हिन्दू ( काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
सन् 1928 ई०
पल्लव (काव्य) - सुमित्रानदंन पंत
सन् 1929 ई०
विकट भट्ट (काव्य)- मैथिली शरण गुप्त
स्वप्न (काव्य) - रामनरेश त्रिपाठी
उद्धव शतक ( काव्य) - जगन्नाथ दास रत्नाकर
सन् 1930 ई०
परिमल (काव्य)- निराला
निहार ( काव्य) - महादेवी वर्मा
सन् 1931 ई०
साकेत (काव्य)- मैथिलीशरण गुप्त
आत्मोत्सर्ग (काव्य) - सियारामशरण गुप्त
सन् 1932 ई०
रश्मि (काव्य)- महादेवी वर्मा
गुंजन ( काव्य) - पंत
यशोधरा (काव्य) - गुप्त
सन् 1933 ई०
लहर (काव्य)- प्रसाद
यशोधरा ( काव्य)- हरिऔध
भग्नदूत ( काव्य) - अज्ञेय
सन् 1935 ई०
कामायनी (काव्य)- प्रसाद
मधुशाला (काव्य)- बच्चन
रेणुका (काव्य) - दिनकर
नीरजा (काव्य) - महादेवी वर्मा
सरोज-स्मृति (शोकगीत) - निराला
फूल- पत्ते (कविता)- हरिऔध
सन् 1936 ई०
(काव्य)
यूगांत - सुमित्रानन्दन पंत
द्वापर — गुप्त
सांध्यगीत - महादेवी वर्मा
मधुबाला - बच्चन
कुमकुम - बालकृष्ण शर्मा नवीन
मृण्मयी - सियारामशरण गुप्त
विसर्जन - उदयशंकर भट्ट
सन् 1937 ई०
मधुकलश (काव्य)- बच्चन
पारिजात, कल्पलता (काव्य) - हरिऔध
सन् 1938 ई०
निशा निमंत्रण (काव्य) - बच्चन
हुँकार (काव्य) - दिनकर
ग्रामगीत (काव्य)- हरिऔध
तुलसीदास (काव्य) - निराला
सन् 1940 ई०
वैदेही वनवास(काव्य) - हरिऔध
यामा (काव्य) - महादेवी वर्मा
रसवंती, द्वंद्वगीत (काव्य)- दिनकर
ग्राम्या (काव्य)- पंत
सन् 1941 ई०
विषपान (काव्य)- सोहनलाल द्विवेदी
सन् 1942 ई०
कुणालगीत (काव्य)- गुप्त
करील (काव्य) - रामेश्वर शुक्ल अंचल
दीपशिखा (काव्य) - महादेवी वर्मा
सन् 1943 ई०
अणिमा (काव्य)- निराला
हिमकिरीटिनी (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
आकुल अंतर (काव्य) - बच्चन
सन् 1944 ई०
अजेय खंडहर (काव्य)- रांगेय राघव
लाल चूनर (काव्य) - रामेश्वर शुक्ल अंचल
सन् 1945 ई०
सतरंगिणी (काव्य)- बच्चन
धरती (काव्य) - त्रिलोचन
सन् 1946 ई०
यशोधरा, कुरुक्षेत्र,सामधेनी(काव्य)- दिनकर
इत्यलम् (काव्य) - अज्ञेय
हलाहल, बंगाल का अकाल(काव्य)- बच्चन
सन् 1947 ई०
स्वर्णकिरण, स्वर्णधूलि(काव्य)- पंत
नींद के बादल, युग की गंगा(काव्य)- केदारनाथ अग्रवाल
सन् 1948 ई०
युगांतर, युगपथ (काव्य)- पंत
कुक्कुरमुत्ता (काव्य)- निराला
खादी के फूल, सूत की माला(काव्य)- बच्चन
सन् 1949 ई०
हरि घास पर क्षणभर (काव्य)- अज्ञेय
हिमतरंगिणी (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
सन् 1950 ई०
मिलन यामिनी (काव्य)- सच्चन
प्रदक्षिणा (काव्य)- गुप्त
सन् 1951 ई०
रजत शिखर (काव्य)- पंत
धूप और धूँआ (काव्य)- दिनकर
माता, समर्पण (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
सन् 1952 ई०
रश्मिरथी (काव्य)- दिनकर
जयभारत (काव्य)- गुप्त
ठंडा लोहा(काव्य)- धर्मवीर भारती
क्वासी (काव्य)- बालकृष्ण शर्मा नवीन
सन् 1953 ई०
.युगधारा (काव्य)- नागार्जुन
आराधना (काव्य)- निराला
सन् 1954 ई०
बावरा अहेरी (काव्य)- अज्ञेय
वर्षान्त के बादल (काव्य)- रामेश्वर शुक्ल अंचल
नील कुसुम (काव्य)- दिनकर
गीतकुंज(काव्य)- निराला
सन् 1955 ई०
अतिमा (काव्य)- पंत
प्रणय-पत्रिका (काव्य)- बच्चन
सन् 1956 ई०
युगचरण (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
सन् 1957 ई०
इन्द्रधनुष रौंदे हुए ये (काव्य)- अज्ञेय
विष्णुप्रिया (काव्य)- गुप्त
वाप्पी (काव्य)- पंत
सन् 1959 ई०
कला और बुढ़ा चान्द, चिदम्बरा (काव्य)- पंत
सत्तरंगें पंखों वाली (काव्य)- नागार्जुन
अरी! ओ करुणा प्रभामयी (काव्य)- अज्ञेय
कुछ कविताएँ (काव्य)- शमसेर बहादूरसिंह
सन् 1960 ई०
वेणु लौ गूंजे धरा (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
सप्तपर्णा (काव्य) - महादेवी वर्मा
अभी बिलकुल अभी (काव्य)- केदारनाथ सिंह
सन् 1961 ई०
कुछ और कविताएँ (काव्य)- शमशेर बहादूर सिंह
आँगन के पार द्वार (काव्य)- अज्ञेय
उर्वशी (काव्य)- दिनकर
त्रिभंगिमा (काव्य)- बच्चन
सन् 1962 ई०
प्यासी पथराई आँखें (काव्य)- नागार्जुन
चार खेमें चौंसठ खूंटे (काव्य)- बच्चन
संशय की एक रात (काव्य)- नरेश मेहता
सन् 1963 ई०
परशुराम की प्रतीक्षा(काव्य)- दिनकर
आवाजों के घेरे (काव्य)- दुष्यंत कुमार
सन् 1964 ई०
लोकायतन (काव्य)- पंत
बिजुली काजल आँच रही (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
चान्द का मुँह टेढ़ा है (काव्य)- मुक्तिबोध

No comments:

Post a Comment