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October 02, 2024

कालिदास! सच-सच बतलाना kaalidaas Sach sach batlana नागार्जुन

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 कविता  -  कालिदास! सच-सच बतलाना

कालिदास! सच-सच बतलाना
इन्दुमती के मृत्युशोक से
अज रोया या तुम रोये थे?
कालिदास! सच-सच बतलाना!

शिवजी की तीसरी आँख से
निकली हुई महाज्वाला में
घृत-मिश्रित सूखी समिधा-सम
कामदेव जब भस्म हो गया
रति का क्रंदन सुन आँसू से
तुमने ही तो दृग धोये थे
कालिदास! सच-सच बतलाना
रति रोयी या तुम रोये थे?


वर्षा ऋतु की स्निग्ध भूमिका
प्रथम दिवस आषाढ़ मास का
देख गगन में श्याम घन-घटा
विधुर यक्ष का मन जब उचटा
खड़े-खड़े तब हाथ जोड़कर
चित्रकूट से सुभग शिखर पर
उस बेचारे ने भेजा था
जिनके ही द्वारा संदेशा
उन पुष्करावर्त मेघों का
साथी बनकर उड़ने वाले
कालिदास! सच-सच बतलाना


पर पीड़ा से पूर-पूर हो
थक-थककर औ' चूर-चूर हो
अमल-धवल गिरि के शिखरों पर
प्रियवर! तुम कब तक सोये थे?
रोया यक्ष कि तुम रोये थे!
कालिदास! सच-सच बतलाना!

नागार्जुन

 

January 26, 2022

चंदू,मैंने सपना देखा/ chandu maine sapana dekha नागार्जुन

 नागार्जुन / कविता - चंदू, मैंने सपना देखा / chandu maine sapana dekha

चंदू, मैंने सपना देखा / Nagarjun

चंदू, मैंने सपना देखा, उछल रहे तुम ज्यों हिरनौटा
चंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से हूँ पटना लौटा
चंदू, मैंने सपना देखा, तुम्हें खोजते बद्री बाबू 
चंदू,मैंने सपना देखा, खेल-कूद में हो बेकाबू

मैंने सपना देखा देखा, कल परसों ही छूट रहे हो
चंदू, मैंने सपना देखा, खूब पतंगें लूट रहे हो
चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कैलंडर
चंदू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर मैं हूँ अंदर
चंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से पटना आए हो
चंदू, मैंने सपना देखा, मेरे लिए शहद लाए हो

चंदू मैंने सपना देखा, फैल गया है सुयश तुम्हारा
चंदू मैंने सपना देखा, तुम्हें जानता भारत सारा
चंदू मैंने सपना देखा, तुम तो बहुत बड़े डाक्टर हो
चंदू मैंने सपना देखा, अपनी ड्यूटी में तत्पर हो

चंदू, मैंने सपना देखा, इम्तिहान में बैठे हो तुम
चंदू, मैंने सपना देखा, पुलिस-यान में बैठे हो तुम
चंदू, मैंने सपना देखा, तुम हो बाहर, मैं हूँ अंदर
चंदू, मैंने सपना देखा, लाए हो तुम नया कैलेंडर

  नागार्जुन / कविता - chandu maine sapana dekha

January 24, 2022

nagarjun ka jivan prichay नागार्जुन की जीवनी

  नागार्जुन की जीवनी / naagarjun  ki jivani / नागार्जुन का जीवन परिचय / nagarjun ka sahityik jivan prichay / बाबा नागा अर्जुन / वैधनाथ मिश्र / यात्री/ jankavi  / जन कवि/जनता के कवि / janta ke kavi / नागार्जुन के संस्मरण / राजनीति दृष्टि से कन्फ्यूजन कवि /Baba Nagaarjun ka prichay / Adhunik Kabir/ आधुनिक कबीर/ nagarjun ka jam kaha hua tha/ नागार्जुन का मूल नाम/ nagarjun ki rachnaye / नागार्जुन का कविता-संग्रह/ nagarjun ka kavy / नागार्जुन की प्रमुख रचनाएँ / nagarjun ka upnyaas / नागार्जुन का कहानी संग्रह/ nagaarjun ki kahaniya/ नागार्जुन का प्रबंध काव्य / nagaarjun ki maithili rachnaye / नागार्जुन की मैथिली रचनाएँ / नागार्जुन का उपन्यास/ नागार्जुन का  मैथिली काव्य





नागार्जुन की जीवनी

नागार्जुन का जन्म सन् 1911 में बिहार के दरभंगा जिले के तरौनी  नाम के  छोटे से गांव में  हुआ थ।   नागार्जुन का मूल नाम वैद्यनाथ मिश्र था, लेकिन हिन्दी साहित्यिक में नागार्जुन के नाम से मशहूर हो गएनागार्जुन जब तीन साल के थे तो उनकी मां का देहान्त हो गया था. नागार्जुन का विवाह अपराजिता देवी के साथ हुआ और उनके पांच बच्चे हुए

 

नागार्जुन हिंदी साहित्य के एक प्रसिद्ध लेखक थे। वह अपने समकालीन लेखकों व प्रशंसको के द्वारा प्यार से नागार्जुन, ‘जनकवी आधुनिक कबीर, यात्री आदि कवि कहे जाते थे। नागार्जुन की कविताओं में मुख्य रूप से राजनीति, आम लोगों की समस्याएं, किसानों और श्रमजीवी वर्ग की समस्याओं का उल्लेख किया गया है। नागार्जुन संस्कृत, प्रकृत और पाली जैसे प्राचीन भारतीय भाषाओं के ज्ञाता थे। संस्कृत के ग्रंथों और दार्शनिक व्याख्यानों और बौद्ध धर्मग्रंथों के अध्ययन के लिए ये श्रीलंका चले गये जहाँ जाकर उन्होंने केलानी के मठ में बौद्ध धर्म को अपनाया लिया।

 

नागार्जुन मार्क्स, लेनिन और स्टालिन के लेखन से बहुत प्रभावित थे  नागार्जुन ने  किसानों के सशस्त्र विद्रोह का समर्थन किया और बाद में जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में सरकार विरोधी आंदोलन में पूरी तरह शामिल हो गये थे। इस दौरान उन्हें ग्यारह महीने के लिए जेल भी जाना पड़ा था। सन् 1983 में उनके साहित्यिक योगदान के लिए  नागार्जुन को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भारत भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मैथिली में रचित पत्राहीर नगना गाचिन संग्रह को सन् 1968 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और सन् 1998 में नागार्जुन का देहांत हो गया।

 
 

नागार्जुन की प्रमुख रचनाएँ / Nagaarjun ki rachanaaye

नागार्जुन का कविता-संग्रह/ nagaarjun ka kavitayen
  1. युगधारा-1953
  2. सतरंगे पंखों वाली -1959
  3. प्यासी पथराई आँखें -1962
  4. तालाब की मछलियाँ-1974
  5. तुमने कहा था -1980
  6. खिचड़ी विप्लव देखा हमने -1980
  7. हजार-हजार बाँहों वाली -1981
  8. पुरानी जूतियों का कोरस
  9. रत्नगर्भ -1984
  10. ऐसे भी हम क्या! ऐसे भी तुम क्या -1985
  11. आखिर ऐसा क्या कह दिया मैंने -1986
  12. इस गुब्बारे की छाया में -1990
  13. भूल जाओ पुराने सपने -1994
  14. अपने खेत में -1997


गगार्जुन का प्रबंध काव्य-

  1. भस्मांकुर -1970
  2. भूमिजा
 
 
नागार्जुन का उपन्यास/ Nagarjun ke upnyaas
  • रतिनाथ की चाची -1948
  • बलचनमा -1952
  • नयी पौध -1953
  • बाबा बटेसरनाथ -1954
  • वरुण के बेटे -1956
  • दुखमोचन -1956
  • कुम्भीपाक (चम्पा)-1960
  • हीरक जयन्ती (अभिनन्दन)-1962
  • उग्रतारा -1963
  • जमनिया का बाबा ( 'इमरतिया)-1936
  • गरीबदास -1990


नागार्जुन के संस्मरण-

  • एक व्यक्ति: एक युग -1963


नागार्जुन का कहानी संग्रह-nagarjun ki kahaniya

आसमान में चन्दा तैरे -1982



नागार्जुन की मैथिली रचनाएँ / nagarjun ki maithili rachnaye

  • चित्रा (कविता-संग्रह) -1941
  • पत्रहीन नग्न गाछ -1967
  • पका है यह कटहल -1995
  • पारो (उपन्यास)-1946
  • नवतुरिया -1952