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Hindi sahitya ka kal vibhajan हिंदी साहित्य के काल खण्डों विभाजित नोट्स

Hindi sahity ka kal vibhajan

प्रथम काल - चारण काल (700-140र्0 इ. )
मिश्र बंधु
(1) आरम्भिक काल - 700-1400 ई.
(2) माध्यमिक काल - 1445-1680 वि.स.
(3) अलंकृत काल - 1680-1889 वि.स.
(4) परिवर्तन काल - 1890-1925 वि.स.
(6) वर्तमान - 1926 से वर्तमान तक

 काल खण्डों के विभाजन में नामकरण एक जैसी पद्धति पर नही
- हिन्दी साहित्य के इतिहास का प्रारम्भ 700 वि.स. से मानकर अपभ्रंष साहित्य को स्थान दिया।

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल -

(1) वीरगाथा काल - संवत् 1050-1375 वि.स.
(2) भक्तिकाल/पूर्व मध्यकाल - 1375-1700 वि.स.
(3) रीतिकाल/उतरमध्यकाल - 1700-1900 वि.स.
(4) आधुनिक काल/गद्यकाल - 1900-1984 वि.स.
- शुक्ल जी ने प्रधान प्रवृति एंव प्रसिद्ध ग्रन्थों की प्रसिद्धी को आधार
मानकर काल विभाजन किया।
- इन्होंने हिन्दी साहित्य का इतिहास ‘‘विक्षेपवादी’’ प्रवृति पर लिखा
- इनके काल विभाजन में सर्वाधिक विवाद वीरगाथा काल पर हुआ

(2) डाॅ. रामकुमार वर्मा -

(1) संधिकाल - 750 वि.-1000 वि.
(2) चारणकाल - 1000 वि.-1375 वि.
(3) भक्तिकाल - 1375 वि.-1700 वि.
(4) रीतिकाल - 1700 वि.-1900 वि.
(5) आधुनिक काल - 1900 वि.-वर्तमान

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