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कोरोना वॉरियर्स के रूप में दोहरी भूमिका निभा रहे राष्ट्रनिर्माता (शिक्षक) corona mahamari me dohari bhumika nibha rhe rashtra nirmata

कोरोना वॉरियर्स के रूप में दोहरी भूमिका निभा रहे राष्ट्रनिर्माता (शिक्षक)


 पूरे विश्व के देशों को चिकित्सा पर किये जाने वाले बजट की अब अहमियत समझ आ रही है । क्योंकि इस महामारी के आगे विकसित देश भी बेबस नजर आ रहा है , विकासशील की तो बात ही क्या करे । हालाँकि विश्व के तमाम देश अपने स्तर पर युद्धस्तर से इसके बचाव के प्रयास किये जा रहे हैं । वैज्ञानिकों ने भी अभी तक इसकी प्रामाणिक दवा नही बनाई है । इसलिये सरकार सोशल डिस्टेंश एवं लॉकडाउन को ही महत्वपूर्ण हथियार मान रही हैं ।  आपदा की इस घड़ी में लॉकडाउन का पालन करवाने में समूचा प्रशासन यथा चिकित्सा तंत्र, पुलिस, राजस्व, पंचायती राज, स्थानीय प्रशासन, एवं शिक्षा विभाग के लाखों कार्मिक कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 
बात यदि शिक्षा विभाग की करें तो सबसे बड़ा कैडर शिक्षक हैं । शिक्षक को यूँ ही राष्ट्रनिर्माता नही कहा जाता , वो इसका हक़दार भी हैं । बालक की नींव से लेकर उसे उसकी उसकी आखिरी मंजिल तक पहुंचाने में शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं । गुरु की महिमा का बखान करते हुए संत कबीरदास जी ने कहा था- "गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय । बलिहाऱी गुरु आपने , गोविन्द दियो बताय II" शिक्षक विद्यालयी शिक्षा देने के साथ साथ समाज को भी नई दिशा देने का कार्य करता हैं । शिक्षक इस महामारी के दौर में घर-घर जाकर सर्वे करने, होम आइसोलेशन, क्वारेंटाईन सेंटर, कोरोना सहायता केंद्र एवं चैक पोस्टों पर प्रशासन का कंधे से कंधा मिलाकर अग्रिम भूमिका में अपनी जिम्मेदारी निर्वहन कर रहे हैं । बहुसंख्यक शिक्षक अपने मुख्यालय पर रहकर सेवाएं दे रहे है, वहीं कुछ मुख्यालय से बाहर अपने गृहक्षेत्र में भी सेवाएं दे रहे हैं । राजस्थान के राजकीय विद्यालयों के पोर्टल शाला दर्पण से प्राप्त आंकड़ो के अनुसार राज्य में करीब पौने दो लाख शिक्षक अपने मुख्यालय पर कोविड-19 में सेवाएं दे रहे हैं । शिक्षकों की भूमिका को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आभार जता चुके हैं । वही शिक्षा विभाग के मुखिया शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा स्वयं शिक्षकों से सोशल मीडिया पर संवाद कर रहे है, उनकी हौंसला अफजाई भी कर रहे हैं । साथ ही उनकी समस्याएं  सुनकर त्वरित निवारण भी कर रहे हैं । कमोबेश यही स्थिति संपूर्ण भारत में है । शिक्षक हर राज्य में कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं ।
कोरोना महामारी से उपजे हालात एवं लॉकडाउन के कारण विद्यालय में बच्चों की छुट्टी करनी पड़ी । छुट्टियों में बच्चों की पढाई बाधित न हो इसलिए राजस्थान सरकार ने स्माईल ई लर्निंग के तहत बच्चों को घर बैठे ही ऑनलाइन डिजिटल सामग्री भेजने की व्यवस्था की गई हैं ।  शिक्षक अपने विद्यालय के व्हाट्सअप ग्रुप में डिजिटल लर्निंग मेटेरियल भेजते हैं । जिसमे विद्यालय के समस्त स्टाफ, छात्र एवं अभिभावक जुड़े हुए है । ग्रुप में ऑनलाइन सामग्री भेजने के साथ ही अभ्यास कार्य एवं मूल्यांकन भी डिजिटल तरीके से किया जा रहा है । इसके बाद छात्र, अभिभावक एवं शिक्षक फीडबैक भी ऑनलाइन भरते हैं । उपरोक्त कार्य उन शिक्षकों को भी करना पड़ रहा हैं, जो कोविड 19 में भी सेवाएं दे रहे है । वैसे यह दोहरी जिम्मेदारी मिलना शिक्षक के लिये तो आम बात हैं । शिक्षक शिक्षण कार्य के अलावा चुनाव, जनगणना , बीएलओ, एमडीएम पोषाहार प्रभारी एवं राष्ट्रीय महत्व के अन्य कार्यों को भी बड़ी शिद्दत के साथ जिम्मेदारी निभाता हैं ।
कोरोना जैसी महामारी के कारण राजस्थान सरकार ने कार्मिकों का आधा वेतन स्थगन करने व कैडर के हिसाब से दो,तीन ,पाँच दिन का वेतन भी मुख्यमंत्री सहायता कोष में काटने का फैसला किया । फिर भी शिक्षकों ने कोई विरोध न जताकर ख़ुशी ख़ुशी फैसले को स्वीकार किया हैं । वेतन के अलावा शिक्षक ड्यूटी के दौरान बिना किसी मेडिकल उपकरण यथा हैंड सेनेटाइजर, मास्क दस्ताने इत्यादि नही मिलने के बावजूद अपने स्तर पर ही व्यवस्था करके कोरोना के खिलाफ जंग में अपना योगदान दे रहे हैं । वहीं कुछ शिक्षकगण भामाशाह के रूप में जरूरतमंदो को खाद्यान्न सामग्री के किट , मास्क इत्यादि वितरण करके भी अपना अमूल्य योगदान दे रहे है । कोरोना के कर्मवीरों की लम्बी फेहरिस्त में शिक्षकों की भूमिका को भी याद रखा जाएगा।

लेखक
कैलाश गर्ग रातड़ी
जिला बाड़मेर ,राजस्थान
लेखक पेशे से शिक्षक हैं ।

16 comments:

  1. संपादक मण्डल का हार्दिक आभार । 💐💐💐

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    1. भावनाओं का ज्वार हैं शिक्षक, देश की हर परिस्थितियों में सेवा में तत्पर रहते हैं। बहुत बहुत साधुवाद

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  2. भावनाओं का ज्वार हैं शिक्षक, देश की हर परिस्थितियों में सेवा में तत्पर रहते हैं। बहुत बहुत अभिनन्दन

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    1. लेख पर दी गई आपकी प्रतिक्रिया के लिये शुक्रगुजार हूँ । उम्मीद करता हूँ, आगे भी इसी तरह आपका आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन मिलता रहेगा ।
      कैलाश गर्ग

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  3. कोरोना वॉरियर्स के रूप में दोहरी भूमिका निभा रहे राष्ट्रनिर्माता शिक्षकों का बहुत-बहुत आभार करता हूँ!

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    1. लेख पर दी गई आपकी प्रतिक्रिया के लिये शुक्रगुजार हूँ । उम्मीद करता हूँ, आगे भी इसी तरह आपका आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन मिलता रहेगा ।
      कैलाश गर्ग

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  4. शानदार लिखा है लेख,इस लेख के बाद से में कलाम पत्रिका का निरंतर अध्यनरत रहूंगा

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    1. लेख पर दी गई आपकी प्रतिक्रिया के लिये शुक्रगुजार हूँ । उम्मीद करता हूँ, आगे भी इसी तरह आपका आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन मिलता रहेगा ।
      कैलाश गर्ग

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  5. Bahut hi shandar lekhani sir ,I salute you

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  6. लेखक और लेखनी के लखन अच्छी तरह से जांचने के बाद लिख रहा हूँ कि लेख लिखने लायक था जो लिख दिया।

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