प्यार बदल रहा हैं
प्यार करके शादी का चलन
कुछ इस तरह हो चला है
की अब तो प्यार करना भी
जाति वालों से हो चला है |
कुछ इस तरह हो चला है
की अब तो प्यार करना भी
जाति वालों से हो चला है |
प्यार प्यार कहकर शब्दों का
अर्थ ही बदल गया है अब
प्यास जिस्म का बाकी रही
प्यार का व्यापार हो चला है|
अर्थ ही बदल गया है अब
प्यास जिस्म का बाकी रही
प्यार का व्यापार हो चला है|
हवस के नीच पुजारी जब
प्यार का चोला ओढ़ चले
नाकाम रहे प्रेम में तो
अक्स पे तेज़ाब हो चला है|
प्यार का चोला ओढ़ चले
नाकाम रहे प्रेम में तो
अक्स पे तेज़ाब हो चला है|
कलयुग की पीढ़ी का प्यार
अजगर भांति निगलने चला है
प्रेम-भूत हुआ सब पे सवार
अब हर व्यक्ति तबाह हो चला है|
अजगर भांति निगलने चला है
प्रेम-भूत हुआ सब पे सवार
अब हर व्यक्ति तबाह हो चला है|
ना रिश्तों की कोई मर्यादा रही
नारी का असल श्रृंगार नहीं
जुबान से कड़वे तीखे बोल
मधुर प्रेम विष हो चला है|
नारी का असल श्रृंगार नहीं
जुबान से कड़वे तीखे बोल
मधुर प्रेम विष हो चला है|
प्यार ना मिलने पर मर जाना
प्यार शब्द भी लज्जित हो चला है
हर किसी पे मिट जाए आशिक़ दिल
देखो प्यार अब मतलबी हो चला है|
प्यार शब्द भी लज्जित हो चला है
हर किसी पे मिट जाए आशिक़ दिल
देखो प्यार अब मतलबी हो चला है|
एक से दिल लगाना ठीक
यहाँ प्यार हज़ारों से हो चला है
सच्चा प्यार मिलता कहाँ है
प्यार बाजारू चीज़ हो चला है |
यहाँ प्यार हज़ारों से हो चला है
सच्चा प्यार मिलता कहाँ है
प्यार बाजारू चीज़ हो चला है |
प्यार की पूजा रही नही
उपहास प्यार हो चला है
प्यार में पवित्रता का नाम नही
प्यार अब बदनाम हो चला है|
उपहास प्यार हो चला है
प्यार में पवित्रता का नाम नही
प्यार अब बदनाम हो चला है|
कश्मीर पर आधारित कविता यहां से पढ़ें
लेखिका - हेमलता कदम
रायपुर, छत्तीसगढ़
रायपुर, छत्तीसगढ़
आपकी इस रचना में प्यार के बदलते स्वरूप को दिखाने की बहुत अच्छी कोसिस की गई है |
ReplyDeleteउज्जवल भविष्य के लिए सुभकामनाएँ