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सच और झूठ. Sach or jhuth kahani


सच झूठ

हिंदुस्तान के बिहार राज्य के एक छोटे से गाँव रतनपुरा की बात है  । वहाँ पर एक आदमी रहते थे,उनका नाम विनोद था ।वे बहुत ही गरीब आदमी थे ।वे किसी तरह मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे । और अपने बच्चों को पढ़ाते थे ।वे सुख-चैन की जिंदगी जीते थे,जो उनके पड़ोसियों को बर्दास्त नही होता था । उनके दो बच्चे थे,एक का नाम गोलू और दूसरे का नाम सुरभि था । दोनो बच्चे देखने में सुन्दर और बड़े प्यारे बच्चे थे ।गोलू और सुरभि मन लगाकर पढ़ाई करते थे ।
गोलू का सपना था,की वह बड़ा होकर साहित्यकार बनेगा । इसिलिए वह बचपन से ही कहानी,कविता,लघुकथा और लेख लिखता था ।वह बहुत अच्छा लिखता था,और लेखक बन गया ।
उसके पिता अच्छे पिता होने का कर्तव्य पूरा करते थे ।वे एक ईमानदार,दयालु और मेहनती आदमी थे,वे जितना कमाते थे उतने में ही खुश रहते थे  । इसी कारण उनके पड़ोसी जलते थे ।
एक बार उनके एक दुष्ट पड़ोसी ने उन्हे एक झूठे मुकदमे में फँसा दिया ।उनके घर की स्थिति दयनीय होती जा रही थी,क्योंकि वे जो कमाते थे,वो मुकदमे में लगा देते थे ।
उनके पड़ोसी यह सोचते थे:-की यह कैसे सुख-चैन से रहता है,सुख-चैन की जिंदगी जी रहा है ? यह उनसे सही नही जाती थी ।
पर विनोद इन सभी बातों का परवाह नही करते थे ।
उनके पास पैसे की कमी थी,और उपर से घर चलाना था,और तब उपर से मुकादमा...............
ऐसे में उन्हे केवल एक ही रास्ता सूझ रहा था,मौत...........! पर उन्हे अपने बच्चों का याद आया,तो वे डर गए,फिर उन्होने हिम्मत और सूझ-बूझ से काम लिया,अपने हौंसले को बनाए रखा ।और लोन लेकर मुकादमा लड़ने लगे ।
कुछ महिनों में कचहरी की कार्यवाही शुरु हुई,दोनो पक्षों की बात को सुना गया,गवाही हुआ ।और अंत में फैसला हुआ,की विनोद जी मुकादमा जीत गए हैं ।
किसी ने सही कहा है:-झूठ को कितना भी बदला जाए,वह झूठ ही रहता है । और सच को कितना भी छुपाया जाए,वह सामने आ ही जाता है ।
अगर विनोद अपने हौंसले को ना बनाए रखते,हिम्मत और सूझ-बूझ से काम ना लेते । तो कभी उनकी जीत ना होती ।

लेखक परिचय
नाम-सौरभ कुमार ठाकुर
पिता-राम विनोद ठाकुर
माता-कामिनी देवी
ग्राम-रतनपुरा,डाकघर-गिद्धा,थाना-सरैया,जिला-मुजफ्फरपुर,राज्य-बिहार,भारत,पिन कोड- 843106
ईमेल- saurabhkumarlekhak@gmail.com
लेखन कार्य प्रारंभ- 01 जनवरी 2018 से अब तक
लेखन शैली- काव्य और गद्य (कविता,कहानी,लघुकथा और लेख विशेषकर)
शिक्षा- 10वीं का छात्र
सम्मान-फणीश्वरनाथ रेणु सम्मान,सौहार्द भूषण,प्रेम भूषण,अटल काव्य सम्मान,सास्वत रत्न,साहित्य रत्न,और दो सम्मान पत्र
बाल भास्कर पत्रिका में एक कहानी और हरियाणा प्रदीप अखबार में एक कविता प्रकाशित

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