कविता " कोरोनो एक संकेत "
चाइना वालों तुमने मांस बहुत खाया
जीव- जानवर को तुमने बहुत सताया
शर्मसार हो गई थी, क्या मानवता
जो तुम ने राक्षस धर्म अपनाया
कितने जानवर मारे हत्यारों
तड़प - तड़प कर मर गए बेचारे
उनको कितना दर्द हुआ होगा
जब बेरहमी से उनको मारा होगा
हाय पड़ी है उनकी , तुम पर भारी
वैसे ही तुम तड़प रहे हो हत्यारों
चीख सुनी ईश्वर ने उनकी
भोग रहे हो तुम अब हैवानों
मां , बहनों से बलात्कार किया है
इंसानियत को बे - शर्म किया है
दिल - बोल उठा ईश्वर का तब
दिया संकेत ईश्वर ने भारी
बुरा न , मानो कोई उसे
नाम है उसका "कोरोना"
पैसों के लालच में सारी दुनिया डूब गई
भूल गए सब धर्म अपना , समझ रहे खुद को ज्ञानी
चक्र चलाया ऐसा उसने, बैठ गए सब घरों में
शोक जता रहे है आज , घर में जैसे मर गई नानी
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Op Merotha hadoti Kavi
Mob: 8875213775
छबड़ा जिला बारां ( राज०)
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