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एक कविता प्रेम

प्रेम

प्रेम प्रीत है ,प्रेम प्यार है
प्रेम यौवन की ठंडी बयार है
प्रेम तार और बेतार है
जन्नत का खुला द्वार है
प्रेम लहरों में उठता ज्वार है
प्रेम जीवन का राग मल्हार है
प्रेम हर्षाने का आधार है
प्रेम आशाओं पर सवार हैं
प्रेम पूजा की पुकार है
प्रेम स्वरूपों का गार है
प्रेम विश्वास,एक विचार है
प्रेम से ही जीवन संसार हैं
प्रेम समर्पण का अवतार है
प्रेम निर्मल,कोमल,उदार है
प्रेम एहसासों का व्यवहार है
प्रेम प्रकृति से प्यार है
प्रेम अर्पण का दीदार है
प्रेम अंकुश,सरहद,रार है
प्रेम गीता,कुरान का सार हैं
प्रेम अनुभव मिश्रण की लार है
प्रेम सर्वधर्म का सभागार है
प्रेम बंधनों का कलमकार है
प्रेम क्षार से निकली खार है
प्रेम विरहणी का इंतजार है
प्रेम पवित्रता की फुहार हैं
प्रेम जीवन उपवन में बौछार है
प्रेम भावनाओं का इजहार है
प्रेम ब्रह्मांड में राडार है
प्रेम कांटो में भी गुलजार हैं
प्रेम सहराओ में थार है
प्रेम प्रहरी और प्रहार है
प्रेम नैनों में अश्रु धार है
प्रेम का सर्वत्र विस्तार है
प्रेम बिंद्रा पर सब भार है
प्रेम प्रकृति की सरकार है
प्रेम बिना प्रहार का वार है
प्रेम अमर यादगार है
प्रेम उपमाओं का अलंकार है
प्रेम अदृश्य मीत हार है
प्रेम मन भाव का सरोकार है
प्रेम तपस्या में साझेदार है
प्रेम हश्र का खबरदार है
प्रेम बेमौसम आया बुखार है
प्रेम चक्रवृद्धि का उधार है
प्रेम स्वयं की स्वयं से पुकार है
प्रेम स्त्री का अदृश्य श्रृंगार है
प्रेम पुरुषार्थ का लेखाकार है
प्रेम कभी भंवर, मझधार है
प्रेम जीवन नौका की पतवार है
प्रेम तत्व असीमित बेशुमार है
प्रेम मानवता का उपहार है
प्रेम नश्वर तत्व सार है
प्रेम अभियोग में उठती पुकार है
प्रेम मिलन का रूप निखार है
प्रेम उमड़ता चक्रधार है
प्रेम कल्पना में पंख पसार है
प्रेम घृणा में भी सब्जबहार है
प्रेम अभिधा लक्षणा व्यंजनाकार है
प्रेम संधियों में विविध प्रकार है
प्रेम उपसर्ग,प्रत्यय का व्यवहार है
प्रेम में नौ रसों का समा हार है
प्रेम बिंदु ,कोमा ,अनुस्वार है
प्रेम नव काव्य का उद्गार है
प्रेम कहानी,कविता,ग़ज़लकार है
प्रेम बेबहर लिखता नज्मकार है
प्रेम वचन,विलोम की फनकार है
प्रेम सांकेतिक,भाषिक रचनाकार है
प्रेम विमल,निर्मल,निर्विकार है
प्रेम पत्रों में लिखा समाचार है
प्रेम प्रगति ,उन्नति ,नवाचार है
प्रेम सर्व गुणों का संचार है
प्रेम ईश्वर से साक्षात्कार है
प्रेम परमात्मा से मिला सार है
प्रेम जीवन मृत्यु के मध्य रार है
प्रेम जीवटता का क्रिया कार है
प्रेम आलिंगन नमस्कार है
प्रेम से ही घर , परिवार है
प्रेम से ही रिश्ते,रिश्तेदार हैं

          अनवर हुसैन
   सरवाड़ जिला अजमेर

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